बिहार आपदा प्रबंधन विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में अब तक बाढ़ से 22 लोगों के मरने की खबर है। साथ ही बाढ़ से प्रदेश के 10 जिलों के 17.85 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरूवार को बाढ़ प्रभावित जिलों, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज और अररिया का हवाई सर्वेक्षण किया तथा बाद में पूर्णिया प्रमंडल मुख्यालय में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव कार्य की समीक्षा की। पड़ोसी देश नेपाल में लगातार हो रही बारिश से बिहार से गुजरने वाली वहां की नदियों में जलस्तर बढ़ने के कारण प्रदेश के इन जिलों में बाढ़ का कहर बरपा है। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार प्रदेश के दस जिलों पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, दरभंगा, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, सहरसा, सुपौल और गोपालगंज के 49 प्रखंड के 1630 गांवों में 17.85 लाख आबादी बाढ़ से प्रभावित है।
विभाग के अनुसार महानंदा, बखरा, कंकई, परमार और कोसी आदि नदियों में आई बाढ के कारण 50 हजार हेक्टयर रकबे में 2.904 करोड़ रूपये की लगी फसल प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण बिहार में 3.88 लाख लोग विस्थापित हुए हैं जिनमें से 1.37 लाख लोग सरकार द्वारा चलाए जा रहे 357 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की कुल नौ टीमों को लगाया गया है तथा इसके अतिरिक्त तीन जिलों अररिया, पूर्णिया और किशनगंज में एसडीआरएफ की भी टीम लगाई गई है। मुजफ्फरपुर, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा और मधुबनी जिलों से पूर्णिया इलाके के बाढ़ प्रभावितों के लिए सूखा खाद्य सामग्री के 15-15 हजार पैकेट भेजे गए हैं। सूखा खाद्य सामग्री पैकेट में 500 ग्राम सत्तू, 2 किलोग्राम चूड़ा, 250 ग्राम चीनी, नमक का छोटा पैकेट, मोमबत्ती, माचिस के पैकेट, एक टार्च और दूध पाउडर आदि शामिल हैं।