उपराज्यपाल नजीब जंग ने चौटाला को राहत दी ताकि वह निचली अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराने और दस साल के कारावास की सजा देने को बरकरार रखने के उच्च न्यायालय के पांच मार्च के फैसले के खिलाफ अपील तैयार कर सकें। चौटाला ने बीते वर्ष 11 अक्तूबर को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण किया था क्योंकि अपनी पार्टी इनेलो के लिए प्रचार करके जमानत शर्त का उल्लंघन करने पर उच्च न्यायालय ने 10 अक्तूबर 2014 को उनकी अंतरिम जमानत खारिज कर दी थी।
चौटाला ने उपराज्यपाल के सामने आवेदन दायर करके इस आधार पर तीन महीने की पैरोल मांगी है कि उन्हें उच्च न्यायालय के निर्णय के खिलाफ अपील तैयार करनी है। पांच बार के पूर्व मुख्यमंत्राी ने उपराज्यपाल को दिये अपने आवेदन में कहा कि उन्हें अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर करने के लिए अपने वकील और कुछ वरिष्ठ अधिवक्ताओं से सलाह मशविरा करना है। चौटाला के अलावा, अदालत ने चार अन्य लोगों उनके बेटे अजय चौटाला, भ्रष्टाचार का खुलासा करने वाले आईएएस अधिकारी संजीव कुमार, आईएएस अधिकारी विद्याधर, मुख्यमंत्राी के तत्कालीन विशेष कार्य अधिकारी और तत्कालीन विधायक शेर सिंह बादशामी को दोषी ठहराने और 10 . 10 साल के कारावास की सजा को बरकरार रखा था।