सोलर घोटाले से जुड़े एक केस में केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी को एक स्थानीय अदालत ने साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।
पहले चांडी सहित छह प्रतिवादियों को बेंगलुरु के एक उद्योगपति एम के कुरुविल्ला को लगभग 1.61 करोड रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक शनिवार को अतिरिक्त सिटी सिविल एवं सत्र अदालत ने चांडी के उस आवेदन को स्वीकार कर लिया जिसमें पहले के एक आदेश को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
चांडी ने अदालत में दायर अपने अंतरिम आवेदन में कहा था कि आदेश एकपक्षीय था और उनकी बात नहीं सुनी गई। जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश पाटिल मोहनकुमार भीमनगौडा ने चांडी को इस आधार पर बरी कर दिया कि उनका कुरुविल्ला के साथ पैसों के लेनदन को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है।
गौरतलब है कि सात करोड़ रुपये के सौर घोटाले से सियासत में खलबली मच गई थी, जून 2013 में खबर आई कि मुख्यमंत्री कार्यालय के स्टाफ का एक ऐसे दंपति से संपर्क था, जिसने सौर पैनल की सप्लाई करने के नाम पर कई निवेशकों से धन लेकर उनके साथ धोखाधड़ी की थी।