कोरोना संक्रमण के तेजी से सुधरते मामलों के बावजूद हेमन्त सरकार लॉकडाउन (राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह का नाम दिया है ) की मियाद बढ़ा सकती है। वहीं ब्लैक फंगस को महामारी घोषित किया जायेगा। सोमवार को मंत्रियों के साथ विमर्श के दौरान चार मंत्रियों ने स्वास्थ्य सुरक्षा सुरक्षा सप्ताह को एक सप्ताह और बढ़ाने की बात कही है। इसमें सरकार में शामिल तीनों पार्टियों कांग्रेस, झामुमो और राजद के मंत्री शामिल हैं। विमर्श में तीसरी लहर, ग्रामीण इलाकों में संक्रमण का मामला छाया रहा। 27 मई की सुबह छह बजे तक अभी लॉकडाउन है।
कोरोना पर नियंत्रण के लिए आगे की रणनीति को लेकर मुयमंत्री हेमन्त सोरेन ने सोमवार को अपने कैबिनेट के सदस्यों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। जिसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर तथा कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने पाबंदी की मियाद बढ़ाने की जरूरत बताई तो कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने संभावित चक्रवाती तूफान को देखते हुए 25 से 28 मई तक पूर्ण लॉकडाउन पर विचार का आग्रह किया।
वेबिनार को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि संक्रमण की दूसरी लहर को लेकर आभास पहले से था मगर देश में लॉकडाउन को लेकर असमंजस की स्थिति रही। 75 प्रतिशत झारखण्ड की जनता ग्रामीण इलाकों में रहती है। उनके जीवन और जीविका दोनों की चिंता है। सूबे के 24 में 23 जिले दूसरे राज्यों से जुड़ते हैं इसलिए थोड़ी सख्ती आवश्यक थी। अभी ग्रामीण इलाकों पर पूरा फोकस है। दस दिनों तक ट्रेसिंग, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट ड्राइव चलाया जायेगा। इसके फीडबैक के बाद आगे की कार्य योजना बनाई जायेगी। तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए हम तैयारी में जुटे हुए हैं। वैक्सीन की कमी दूर करने में लगे हैं। मंत्रियों के सुझाव के आलोक में आगे निर्णय लिया जायेगा।
मौके पर वित्त सह खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामेश्वर उरांव ने ग्रामीण इलाकों में और मुस्तैदी से काम करने, टीकाकरण का लक्ष्य तय करने और धान खरीद को लेकर सुझाव दिये। ग्रामीण इलाकों में शादी में जुटने वाी भीड़ पर चिंता जाहिर की। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने ब्लैक फंगस को महामारी घोषित करने की बात कही तो मीडिया और कंपनियों के कर्मियों को ई-पास से मुक्त कर परिचय पत्र को ही अनुमति देने की वकालत की। संसदीय कार्य मंत्री ग्रामीण इलाकों में जुटने वाली भीड़ पर नियंत्रण लगाने का सुझाव दिया। श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने जिले में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ बढ़ाने की मांग की।