बत्तीस वर्षीय नितिन यादव उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के क्वारेंटाइन सेंटर में कोरोनो संदिग्धों की देखभाल करते हैं। यादव पेशे से एक डॉक्टर हैं। वैसे नितिन यादव मुरादाबाद जिला अस्पताल के कुष्ठ विभाग में नियुक्त हैं लेकिन उन्हें इस वक्त शहर और आसपास के क्षेत्रों में क्वारेंटाइन सेंटरों को संभालने का जिम्मा सौंपा गया है।
उनकी जिम्मेदारी है कि जो भी मरीज इस सेंटर पर आते हैं उनके कोविड-19 का टेस्ट किया जाए। यदि रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो फिर उसे हॉस्पिटल में शिफ्ट किया जाए। लेकिन, नितिन की यह जिम्मेदारी यहीं खत्म नहीं होती है। नितिन अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी को पूरा करने के अलावा क्वारेंटाइन सेंटरों में रह रहे हर मरीज को उनकी आवश्यक वस्तुएं भी मुहैय्या कराते हैं।
सैनिटरी पैड से लेकर बच्चों के डायपर तक की व्यवस्था
नितिन यादव महिलाओं के लिए सैनिटरी पैड से लेकर बच्चों के लिए डायपर तक की व्यवस्था करते हैं। कभी-कभी जब कैंटीन में दूध नहीं मिलता है तो वो आधी रात में शहर जाकर स्थानीय दुकानदारों से मदद का अनुरोध करते है। डॉ. यादव कहते हैं कि ये परेशानी हर दिन शुरू होती हैं जब पुलिस कोविड-19 संदिग्धों को क्वारेंटाइन सेंटर में लाती है।
आवश्यक वस्तुएं लाने का नहीं मिलता समय
वो बताते हैं, “संदिग्धों को अपनी आवश्यक वस्तुओं को ले जाने का भी समय नहीं मिलता है। उन्हें एंबुलेंस से क्वारेंटाइन सेंटर छोड़ दिया जाता है। इन लोगों को कम-से-कम दो से तीन दिनों तक क्वारेंटाइन सेंटर में रहना होता है जब तक कि सभी की रिपोर्ट न आ जाए। इसमें किसी परिवार के कुछ सदस्यों को ही पॉजिटिव पाया जाता है लेकिन छोटे बच्चों सरीखे पूरे परिवार को क्वारेंटाइन सेंटर लाया जाता है।
आगे यादव बताते हैं, ज्यादातर महिलाओं और बच्चों को मदद की जरूरत होती है। आधी रात को किसी परिवार का आदमी अपनी पत्नी के लिए सैनिटरी पैड मांगता है। तो ऐसी स्थिति में कोई भी उनकी मदद करने की पूरी कोशिश करेगा। जो मैंने किया।
क्वारेंटाइन सेंटर में रहे कोरोना संदिग्धों ने की सराहना
कई कोरोना संदिग्ध, जिन्होंने जिला के आईएफटीएम विश्वविद्यालय के क्वारेंटाइन सेंटर में अपना समय बिताया वो डॉ. यादव के समर्पण और प्रयासों की सराहना करते हैं। क्वारेंटाइन में कुछ दिन बिताने वाली नईम अली कहते हैं, “आधी रात में आधा दर्जन से अधिक बच्चे दूध की मांग करने लगे। कैंटीन में दूध नहीं था। हमने डॉ. यादव को बताया जिसके बाद वो अपनी कार से बाजार के लिए निकल गए। और सूखे दूध का पैकेट लेकर आएं।“
एक अन्य कोरोना संदिग्ध रिजवान खान नितिनि यादव की प्रशंसा करते हुए कहते हैं, “आप उन्हें दिन या रात में कभी भी बुला सकते हो। वो आपकी हर समस्या का समाधान करने की कोशिश करेंगे।“ हालांकि, डॉ. यादव सभी रोगियों की अच्छी देखभाल सुनिश्चित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला मजिस्ट्रेट को श्रेय देते हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर में संदिग्धों की देखभाल करना कठिन
डॉ. नितिन यादव यह भी मानते हैं कि क्वारेंटाइन सेंटर में संदिग्ध मरीजों की देखभाल करना आइसोलेशन वार्ड में मरीजों का उपचार करने की तुलना में कहीं अधिक कठिन है।
अपने बच्चे को 10 अप्रैल से नहीं देखा
यादव के पास दो साल का बच्चा है लेकिन उन्होंने 10 अप्रैल से उसे नहीं देखा है। वो बताते हैं, "मुझे अपने परिवार की याद आती है, लेकिन फिलहाल हमारी प्राथमिकता मरीजों की देखभाल करना है।"
बता दें, मुरादाबाद में अब तक 126 पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। जिनमें से 90 लोग बरामद हुए हैं। पांच मरीजों की मौत हो गई है। शहर में अभी भी 31 सक्रिय मामले हैं।