पढ़ाई के माध्यम की भाषा को लेकर गोवा की भाजपा सरकार से टकराने वाले अपने संघ के प्रदेश प्रमुख सुभाष वेलिंगकर को राजनीतिक गतिविधि में शामिल होने की कोशिश को लेकर बर्खास्त कर दिया गया। सुभाष द्वारा संचालित एक संगठन के सदस्यों ने हाल में पार्टी प्रमुख अमित शाह को काला झंडा भी दिखाया था।
सुभाष वेलिंगकर कहा, 'मैंने निजी रूप से राज्य में आरएसएस को बढ़ते देखा है।' 68 साल के वेलिंगकर ने भाजपा के लिए कुछ स्वयंंसेवकों और कार्यकर्ताओं को तैयार करने का श्रेय खुद को दिया, जिसमें मनोहर पर्रिकर भी हैं। पर्रिकर पहले गोवा के मुख्यमंत्री और अब केंद्र में मंत्री हैं।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘उन्हें (वेलिंगकर) दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है। वह राजनीतिक गतिविधि में संलिप्त होना चाहते थे। संघ नेता होने के नाते वह ऐसा नहीं कर सकते।’ वैद्य ने कहा कि तटीय राज्य के नये सांगठनिक प्रमुख पर अभी निर्णय नहीं हुआ है जहां अगले वर्ष चुनाव होने हैं। आंदोलन के तौर पर बीबीएसएम ने राजनीतिक दल बनाने की घोषणा की थी। आरएसएस अपनी स्थापना के समय से ही कभी राजनीति में शामिल नहीं रहा
बता दें कि भारतीय भाषा सुरक्षा मंच (बीबीएसएम) के संयोजक वेलिंगकर का भगवा पार्टी और राज्य के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारसेकर से टकराव चल रहा था। बीबीएसएम अंग्रेजी माध्यम वाले विद्यालयों का अनुदान वापस लेने तथा पढ़ाई के माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने के वास्ते मुहिम चला रहा है। हालांकि संघ ने कहा कि वह मातृ भाषा में प्राथमिक शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए बीबीएसएम का समर्थन जारी रखेगा। वेलिंगकर ने यह कहकर भी विवाद खड़ा कर दिया था कि भाजपा अगले वर्ष चुनाव में गोवा में नहीं जीत सकती क्योंकि स्कूलों में स्थानीय भाषा में पढ़ाई के वादे से पीछे हटकर उसने लोगों के विश्वासघात किया है।
बीबीएसएम ने प्रदर्शन के तहत 20 अगस्त को भाजपा अध्यक्ष शाह के बैम्बोलिम दौरे के समय उन्हें काले झंडे दिखाए थे। भाजपा ने हालांकि इस घटनाक्रम से अपने को अलग कर लिया है। पारसेकर ने इसे संघ का अांंतरिक मामला बताया है।