मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आज दिमागी बुखार से एक और 4 साल के बच्चे की मौत हो गई। अभी तक मृत बच्चों का आंकड़ा साफ नहीं हो पाया है। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि यहां मृत बच्चों की संख्या 79 हो गई है। यह संख्या कल तक 63 थी। जबकि सरकार की ओर से 30 बच्चों के मरने की पुष्टि की गई है।
#GorakhpurTragedy : Encephalitis snuffs out another life today, death toll crosses 70
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— ANI Digital (@ani_digital) 13 August 2017
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल पहुंच गए हैं।
इससे पहले शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी पूरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ है जिन्होंने अपने बच्चे खोए हैं।
Meri poori samvedna un sabhi parivaron ke saath hai jinhone apne bache khoye hain: UP CM Yogi Adityanath in Lucknow #Gorakhpur pic.twitter.com/Mf0NqApwV7
— ANI UP (@ANINewsUP) 12 August 2017
साथ ही उनका कहना था कि बच्चे ऑक्सीजन की वजह से नहीं बल्कि गंदगी और बीमारियों से मरे हैं। वहीं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि अगस्त में तो बच्चे मरते ही हैं।
प्रिंसिपल निलंबित, दिया इस्तीफा
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ राजीव मिश्रा को निलंबित कर दिया गया। वहीं अब उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के पद से मिश्रा के इस्तीफे की पुष्टि करते हुए कहा, "हां, उन्होंने इस्तीफा दे दिया है, लेकिन कोई अच्छा नहीं, क्योंकि हम पहले ही उसे निलंबित कर चुके हैं और उसके अपराधों की जांच शुरू कर चुके हैं।"
चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण महानिदेशक को लिखे पत्र में प्रिंसिपल ने कहा कि उन्होंने अस्पताल के बाल चिकित्सा वार्ड में भर्ती 30 बच्चों की मौत के लिए नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा सौंप दिया है। इससे पहले प्रिंसिपल मिश्रा को ऑक्सीजन सिलेंडर के आपूर्तिकर्ता को भुगतान में देरी करने के लिए निलंबित कर दिया गया था।
क्या है मामला?
गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले 7 दिनों में कथित तौर पर 79 बच्चों की मौत हो चुकी है। ऑक्सीजन की कमी को बच्चों की मौत की वजह बताया जा रहा है, हालांकि उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने इससे साफ इनकार किया है। गोरखपुर के जिलाधिकार भी बच्चों की मौत की सही वजह बताने की स्थिति में नहीं हैं। उन्हें जांच रिपोर्ट का इंतजार है। अस्पताल प्रशासन ऑक्सीजन की वजह से बच्चों की मौत के दावे को पहलेे ही खारिज कर चुका है।
इधर, दिल्ली में शुक्रवार को गृह मंत्रालय के प्रवक्ताने बताया कि गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक से मिली जानकारी के अनुसार, "लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई में कमी की वजह से पिछले 36 घंटों में 21 बच्चों की मौत हुई है। वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच चुके हैं और स्थानीय प्रशासन के जरिए मौतों की सही वजह की पुष्टि की जा रही है।"