मध्यप्रदेश के बहुचर्चित करोड़ों रुपये के व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले में कथित रूप से नाम आने पर विशेष कार्यबल (एसटीएफ) ने रामनरेश यादव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर किया था। उसके बाद से ही उन पर इस्तीफा का दबाव बढ़ने लगा था। बुधवार को गृह मंत्रालय से फोन जाने के बाद से असमंजस में रहे रामनरेश यादव ने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस ने इस्तीफे का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग जारी रखी है। कांग्रेस पहले से ही रामनरेश यादव पर शिवराज सिंह चौहान सरकार को शह देने का आरोप लगाती रही है।
एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक राज्यपाल के खिलाफ आरोप हैं कि उन्होने वन रक्षक परीक्षा में पांच उम्मीदवारों की व्यापमं अधिकारियों से सिफारिश की थी। अधिकारी ने बताया कि राज्यपाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 एवं भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा, इस मामले में बरामद किये गये सभी दस्तावेजों की गहरी छानबीन के बाद ही राज्यपाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। अब एसटीएफ रामनरेश यादव से पूछताछ की तैयारी कर रही है।
दामन पर लग ही गया दाग
मध्य प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव के दामन पर आखिरकार दाग ही लग गया। अपने पूरे राजनीतिक जीवन में यादव दावा करते रहे कि उन्होने कोई गलत काम नहीं किया है लेकिन अब एक घोटाले ने उनके दावे को गलत करार दिया।
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