मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसर्रत आलम गुट) को गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत ‘गैरकानूनी संगठन’ घोषित किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर के जानकारी दी। संगठन पर यूएपीए के तहत कार्रवाई की गई है जिसमें गृहमंत्री शाह ने कहा कि ये आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं।
अमित शाह ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘मुस्लिम लीग जम्मू कश्मीर (मसरत आलम गुट)’/एमएलजेके-एमए को यूएपीए के तहत एक ‘गैरकानूनी संघ’ घोषित किया गया है। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट में लिखा, ‘यह संगठन और इसके सदस्य जम्मू-कश्मीर में राष्ट्र-विरोधी और अलगाववादी गतिविधियों में शामिल हैं, आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करते हैं और लोगों को जम्मू-कश्मीर में इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए उकसाते हैं।’
साथ ही, उन्होंने यह भी लिखा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार का संदेश जोरदार और स्पष्ट है कि हमारे राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा और उसे कानून के पूर्ण प्रकोप का सामना करना पड़ेगा।
<blockquote class="twitter-tweet" data-media-max-width="560"><p lang="en" dir="ltr">The ‘Muslim League Jammu Kashmir (Masarat Alam faction)’/MLJK-MA is declared as an 'Unlawful Association' under UAPA.<br><br>This organization and its members are involved in anti-national and secessionist activities in J&K supporting terrorist activities and inciting people to…</p>— Amit Shah (@AmitShah) <a href="https://twitter.com/AmitShah/status/1739934894791544895?ref_src=twsrc%5Etfw">December 27, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>
संगठन का अंतरिम चेयरमैन मसर्रत आलम जेल में है बंद
मसर्रत आलम साल 2015 से जेल में हैं पहले कुछ समय तक वह कोट भलवाल जेल में बंद रहा और बीते चार वर्ष से वह दिल्ली की तिहाड़ जेल में में बंद हैं। साल 2008 और 2010 में कश्मीर में हुए हिंसक प्रदर्शनों का वह मुख्य सूत्रधार रहा है। कट्टरपंथी सैयद अली शाह के निधन के बाद उसे कट्टरपंथी हुर्रियत का अंतरिम चेयरमैन बनाया गया।