संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावती' को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। इसे भारत की जड़ों में गहरी धंसी हुई जातीय संरचना की केस स्टडी की तरह लिया जाना चाहिए।
राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र समेत उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में फिल्म बैन की मांग हो रही है। गुजरात में चुनाव के बीच इस फिल्म को लेकर आक्रोश कुछ ज्यादा ही दिख रहा है। वहां चुनाव भी हैं।
गुजरात के सूरत में राजपूत समुदाय, विश्व हिंदू परिषद और करणी सेना के लोगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
#Gujarat: Protests held against #Padmavati film by Rajput Community, VHP, Bajrang Dal and Karni Sena in Surat. pic.twitter.com/JcmczNtKnJ
— ANI (@ANI) November 12, 2017
गुजरात के गांधीनगर के राम कथा मैदान में एक लाख राजपूत समाज के लोग एकजुट हुए हैं। करणी सेना ने एलान किया कि वो फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।
आज गुजरात के गांधीनगर में फिल्म के विरोध में करणी सेना बड़ी सभा कर रही है। एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए करणी सेना के प्रमुख लोकेंद्र सिंह ने खुली चेतावनी दी है। लोकेंद्र सिंह ने कहा, ''हर हाल में बैन हो फिल्म, अहिंसा की धरती पर हिंसा नहीं करना चाहते।''
गुजरात में फिल्म के विरोध को लेकर सियासी मतलब भी निकाले जा रहे हैं। गुजरात बीजेपी के कई क्षत्रीय नेता भी फिल्म पर बैन की मांग कर चुके हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और उमा भारती भी फिल्म के विरोध में बयान दे चुके हैं।
मेवाड़ के पूर्व राजघराने के सदस्य और पद्मिनी के वंशज विश्वराज सिंह का कहना है कि रानी पद्मिनी पर आधारित फिल्म 'पद्मावती' में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है जो स्वीकार नहीं है। रानी के वंशजों ने विरोध में प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी है।
जयपुर के पूर्व राजघराने की सदस्य और भाजपा विधायक राजकुमारी दीया कुमारी ने फिल्म 'पद्मावती' के रिलीज का विरोध करने के लिए जयपुर में गोविंद देव जी मंदिर से 'हस्ताक्षर अभियान' की शुरुआत की।
अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहने वाले हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने कहा है कि वह इतिहास से छेड़छाड़ करने वाली फिल्म को रिलीज नहीं होने देंगे।
विरोध करने वालों के मुताबिक फिल्म में इतिहास को तोड़ा मरोड़ा गया है। बगैर फिल्म देखे उनका दावा है कि अलाउद्दीन खिलजी का महिमामंडन किया जा रहा है। इनका आरोप है कि फिल्म में खिलजी और पद्मावती के बीच अंतरंग दृश्य दिखाया गया है। जबकि संजय लीला भंसाली इसे लेकर वीडियो भी जारी कर चुके हैं, जिसमें कहा गया है कि खिलजी और पद्मावती के बीच ऐसा कोई दृश्य नहीं है।