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गुजरात: विजयादशमी के मौके पर 300 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

गुजरात के दलित समुदाय के 200 से अधिक लोगों ने विजयादशमी के मौके पर बौद्ध संगठनों द्वारा आयोजित तीन अलग-अलग कार्यक्रमों में बौद्ध धर्म अपनाया। वहीं राज्य के 90 अन्य लोगों ने नागपुर में धर्मांतरण किया और इस तरह कुल 300 से अधिक दलितों ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया।
गुजरात: विजयादशमी के मौके पर 300 दलितों ने अपनाया बौद्ध धर्म

गुजरात के अहमदाबाद में धर्मातंकण कार्यक्रम के आयोजकों ने बताया कि विजयादशमी पर हर साल लोग बौद्ध धर्म अपनाते हैं लेकिन इस साल उना दलित हिंसा कांड के बाद यह संख्या अधिक रही। यहां समारोह आयोजित करने वाली गुजरात बुद्धिस्ट एकेडमी के सदस्य रमेश बांकेर ने कहा, अहमदाबाद के दानी लिमडा में कल विजयादशमी के मौके पर गुजरात बुद्धिस्ट सोसायटी के कार्यक्रम में करीब 140 लोगों ने बौद्ध धर्म अपनाया। समुदाय के 65 लोगों ने गांधीनगर जिले के कलोल में आयोजित एक विशेष समारोह में बौद्ध धर्म अपनाया, वहीं सुरेंद्रनगर जिले के वाधवन में 11 और लोगों ने इस धर्म की राह अपनाई।

बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के पी जी ज्योतिकर ने कहा कि 65 लोगों ने कलोल में आयोजित समारोह में बौद्ध धर्म अपनाया। उन्होंने कहा कि धर्मांतरण एक सतत प्रक्रिया है लेकिन दलित समुदाय के लोग विजयादशमी के मौके पर बौद्ध धर्म अपनाने को इसलिए तरजीह देते हैं क्योंकि 1956 में इसी दिन बाबासाहब अंबेडकर ने नागपुर में एक समारोह में अन्य दलितों के साथ बौद्ध धर्म अपनाया था। हालांकि सुरेंद्रनगर और अहमदाबाद के कलेक्टरों ने कहा कि उन्हें इन कार्यक्रमों की कोई जानकारी नहीं है। सुरेंद्रनगर के कलेक्टर उदय अग्रवाल ने कहा, यह बात हमारी जानकारी में नहीं आई है। बौद्ध धर्म अपनाने वाले कई लोगों ने कहा कि यह धर्म हिंदू धर्म से भी अधिक मानवीय है इसलिए उन्होंने इस धर्म को अपनाया है।

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