आज दोपहर रतनपुर सीमा से अपने गृह राज्य में जैसे ही हार्दिक ने प्रवेश किया पटेल समुदाय के सैकड़ों नौजवानों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने बताया कि वहां पहुंचने पर हार्दिक ने अपने समुदाय के लिए न्याय पाने का संकल्प जताते हुए कहा कि महान नेताओं और शहीदों की इस धरा को मैं नमन करता हूं। मैं हमेशा अपने समुदाय के लोगों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा।
भविष्य की रणनीति के बारे में उन्होंने कहा, समय आने पर रणनीति अपनाई जाएगी, मैं इसका अभी खुलासा नहीं कर सकता। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पटेल आंदोलन के अग्रणी नेता हार्दिक पटेल ने छह महीने का समय उदयपुर में बिताया।
देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे इस तेज तर्रार नेता को पिछले साल 15 जुलाई को गुजरात उच्च न्यायालय से इस शर्त पर जमानत दी थी कि वह 17 जुलाई से छह महीने तक राज्य से बाहर रहेंगे। जमानत मिलने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया था। इसके बाद से वह राजस्थान के उदयपुर में रह रहे थे। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने इस पूरे प्रकरण पर टिप्पणी देते हुए कहा कि उनकी सरकार हार्दिक और आरक्षण के मुद्दे पर अन्य पक्षकारों से बातचीत के लिए तैयार है। अगस्त 2015 में हार्दिक ने कोटा लाभ के लिए अपने समुदाय को ओबीसी श्रेणी में शामिल किए जाने की मांग पर जीएमडीसी मैदान में विशाल रैली का आयोजन किया था। (एजेंसी)