हसनैन (35) कॉमर्स में स्नातक था और उसने 28 फरवरी को तड़के अपनी पत्नी, बच्चों, अभिभावकों और तीन बहनों तथा उनके बच्चों की हत्या कर दी थी। उसकी एक बहन सुबिया बरमार (22) इस हमले में बच गयी। वह इस घटना की एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी है।
हसनैन का परिवार ठाणे के बाहरी इलाके में कासरवाड़ावली में रहता था। संयुक्त पुलिस आयुक्त आशुतोष दुमब्रे ने आज कहा कि अन्य बातों के अलावा सुबिया ने जांचकर्ताओं को बताया कि उनकी एक बहन ने जनवरी में अन्य बहनों से कहा था कि हसनैन ने उसके साथ यौन दुर्व्यवहार किया था। वह बहन मानसिक रूप से कमजोर और अविवाहित थी। सुबिया ने पुलिस से कहा कि अन्य बहनों ने इस पर बातचीत की और इसकी जानकारी हसनैन को हो गयी थी और संभवत: उसने इस वजह से सबकी हत्या कर दी।
घटना के दौरान सुबिया ने सुना था कि उनकी मां हसनैन से उसकी जान नहीं लेने की गुहार लगा रही थी। सुबिया ने अपने को एक कमरे में बंद कर लिया था और हसनैन ने उससे कहा था कि अगर उसने दरवाजा नहीं खोला तो वह उसके बच्चे को मार देगा और उसने बच्चे की हत्या कर भी दी।
दुमब्रे ने उन रिपोर्टों की भी पुष्टि की कि हसनैन पिछले दो साल से बेरोजगार था और वह अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेता था और उस पर 67 लाख रुपये का कर्ज हो गया था। हसनैन शेयर के कारोबार से भी जुड़ा था। पुलिस को यह भी पता चला है कि हसनैन ने वारदात से कुछ माह पहले माजावाड़ा इलाके में किराये पर एक कमरा लिया था लेकिन अभी यह जानकारी नहीं मिली है कि उसने कमरा क्यों किराये पर लिया था। उसके मकान की तलाशी के दौरान मनोवैज्ञानिक बीमारी की कुछ दवाएं बरामद हुई थीं। यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं हसनैन स्पि्लट पर्सनैलिटी की समस्या से ग्रस्त तो नहीं था जिसके चलते उसने इस घटना को अंजाम दिया।