उत्तर प्रदेश हाथरस कथित गैंगरेप मामले में अब नया मोड़ आया है। अलीगढ जेल में बंद चारों आरोपियों ने जिले पुलिस अधीक्षक (एसपी) विनीत जयसवाल को पत्र लिखा है। इस पत्र में आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया है। मुख्य आरोपी संदीप ने कहा है कि पीड़िता के साथ उसकी दोस्ती थी, जिसको लेकर उसके परिवार के लोग खुश नहीं थे। आरोपियों ने कहा है कि पीड़िता को उसके परिवार के लोगों ने मारा है। इसमें उन्हें फंसाया गया है।
आरोपियों ने इसमें अपनी बातों को विस्तार से कहा है। मुख्य आरोपी ने एसपी को भेजे अपने पत्र में कहा, "इस झूठे मामले में अलग-अलग दिनों में गांव के तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। पीड़िता के साथ मेरी दोस्ती थी। मुलाकात के साथ-साथ कभी-कभी फोन पर भी बात होती थी। हमारी दोस्ती उसके घर वालों को पसंद नहीं थी। घटना के दिन मैं उससे खेत में मिला था। लड़की के भाई और मां के कहने पर मैं वापस चला आया और उसके बाद अपने पिता के साथ था।"
(आरोपियों द्वारा हाथरस के एसपी को लिखा गया पत्र)
अलीगढ़ जेल के एसपी आलोक सिंह ने कहा, हमें आरोपियों की तरफ से एसपी हाथरस के लिए एक पत्र दिया गया। नियमानुसार पत्र आगे बढ़ाया गया है। अभियुक्त ने पत्र में अपना पक्ष रखा है और संबंधित जांच एजेंसी इस पर गौर करेगी।
आगे आरोपी ने अपने पत्र में कहा, "गावों वालों से पता चला की उसके भाई ने उसे मारा-पीटा और उसके गंभीर चोट आई। इस मामले में पीड़िता की मां और भाई ने मुझे और तीन अन्य लोगों को झूठे आरोप में फंसा कर जेल भेजा गया है। कृपया इस मामले में जांच कराकर हमें न्याय दिलाने की कृपा करें।"
14 सितंबर को ये मामला सामने आया था, जिसके दो सप्ताह बाद पीड़िता की इलाज के दौरान दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई। जिसके बाद से देश के की हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुआ और राजनीति भी तेज हो गई। अब इस मामले पर 12 अक्टूबर को हाई कोर्ट ने राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, सरकार और पीड़िता के परिवार वालों को बुलाया है।