पटना। पटना उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में बिहार सरकार के महत्वाकांक्षी ‘बढ चला बिहार’ अभियान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके अन्य मंत्रियों की तस्वीरों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
मुख्य न्यायाधीश एल नरसिम्हा रेड्डी और न्यायाधीश अंजना मिश्र की खंडपीठ ने यह अंतरिम आदेश नागरिक अधिकार मंच के संयोजक और आरटीआई कार्यकर्ता शिव प्रकाश राय की उस याचिका पर दिया जिसमें उन्होंने राज्य सरकार पर सत्ताधारी पार्टी जदयू के प्रचार अभियान के नाम पर जनता के धन का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। अदालत ने सरकार को अब तक इस अभियान पर हुए खर्च का ब्यौरा भी देने का आदेश दिया है। अदालत इस मामले पर चार सप्ताह बाद अगली सुनवाई करेगी।
बिहार के अतिरिक्त महाधिवक्ता ललित किशोर ने बताया कि अदालत ने बढ़ चला बिहार अभियान में मुख्यमंत्री और किसी अन्य नेता की तस्वीर और उनके दृश्य एवं श्रव्य का इस्तेमाल करने पर रोक लगाई है।
अदालत के इस निर्णय से खुश राय ने कहा कि वे और उनकी संस्था अब बिहार के मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों के प्रचार में लगाई गई राशि की वसूली का प्रयास करेगी। राय के वकील दीनू कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा इस अभियान पर 14 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई है। हमने अदालत से आग्रह किया है कि मुख्यमंत्री और उनके मंत्रियों की तस्वीर तथा उनके दृश्य एवं श्रव्य का इस्तेमाल उच्चतम न्यायालय के सरकारी विज्ञापनों में केवल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और देश के मुख्य न्यायाधीश की तस्वीर लगाने के निर्देश का उल्लंघन है।
‘बढ चला बिहार’ अभियान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गत 9 जून को शुरू किया गया एक महत्वाकांक्षी अभियान है जिसके जरिए 40 हजार गांवों तक पहुंचकर करीब 4 करोड़ लोगों की राय के आधार पर प्रदेश के विकास के लिए 2025 तक की नीति बनाई जानी है।