एक रोचक फैसला सुनाते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने दो याचिकाकर्ताओं से दिल्ली में 100 पेड़ लगाने का निर्देश दिया है। न्यायालय के अनुसार ऐसा करना समाज में 'गुडविल गेस्चर' माना जाएगा। इन दोनों याचिकाकर्ताओं ने एक-दूसरे के विरुद्ध केस दायर कर रखा था।
समाचार एजेंसी आइएएनएस के अनुसार दोनों के खिलाफ आपराधिक मामला खारिज करते हुए न्यायामूर्ति नाजमी बजीरी ने यह भी निर्देश दिया कि लगाए जाने वाले पेड़ स्वदेशी और अलग-अलग प्रजाति के होने चाहिए, उनकी लंबाई कम से कम छः फीट होनी चाहिए और पेड़ कम से कम तीन साल के होने चाहिए।
इन दोनों याचिकाकर्ताओं ने एक दूसरे के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करा रखी थी लेकिन फिर दोनों के बीच समझौता हो गया।
न्यायालय के अनुसार समाज में अच्छा संदेश देने के लिए याचिकाकर्ताओं को कुछ सामाजिक कार्य करने चाहिए।
इसी के अनुसार प्रत्येक को 50-50 पेड़ लगाने होंगे। इसके लिए उन लोगों को उद्यान विभाग दिल्ली, दिल्ली विकास प्राधिकारण को 26 सितंबर को 11 बजे सूचित भी करना होगा। ये विभाग दोनों लोगों को विकास पुरी के डिस्ट्रिक्ट पार्क में वृक्षारोपण में मदद करेंगे।
दोनों व्यक्तियों ने विकासपुरी पुलिस थाने में भारतीय दंड सहिंता की अलग-अलग धाराओं के तहत एफआइआर दर्ज कराई थी।
कहा कि चूंकि मामला को आपस में निपटा लिया गया है और अब इससे कुछ नहीं बचा है तो ऐसे में इस मसले से बाहर निकलने वाली कार्यवाही निरर्थक होगी।
निर्देश में कहा गया है कि 31 अक्टूबर तक पौधों की तस्वीरों के साथ एक शपथ-पत्र देना होगा। ऐसा ना किया गया तो आगे की सुनवाई के निर्देश नवंबर में दिए जाएंगे।