दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की घर-घर राशन योजना पर रोक लगा दी है। इससे पहले इस योजना को लेकर केंद्र और आम आदमी पार्टी में तकरार देखने मिली है। दिल्ली हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की पीठ ने राशन वितरण के लिए दिल्ली सरकार की योजना को रद्द किया है। दिल्ली सरकार राशन डीलर्स संघ द्वारा योजना का विरोध करने वाली याचिका पर अदालत ने यह फैसला सुनाया है।
हाई कोर्ट ने मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना को चुनौती वाली राशन डीलरों की दो याचिकाओं को मंजूरी दी थी। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन संघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने कहा कि घर-घर चीजें पहुंचाने के लिए दिल्ली सरकार कोई और योजना लाने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन वह केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए अनाज का इस्तेमाल घर-घर पहुंचाने की योजना के लिए नहीं कर सकती।
बता दें कि दिल्ली सरकार ने संबंधित योजना को बीते साल 25 मार्च को लागू करने की तैयारी की थी। हालांकि, इससे पहले ही केंद्र ने 19 मार्च को उसे एक पत्र भेजकर इसमें अपनी आपत्ति जताई थी।
दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ और दिल्ली राशन डीलर्स यूनियन की ओर से दायर याचिकाओं पर उच्च न्यायालय ने 10 जनवरी को आदेश सुरक्षित रख लिया था। दरअसल ये घर-घर राशन योजना दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक थी, लेकिन इसको लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच खींचतान देखने को मिली। वहीं आज दिल्ली हाईकोर्ट ने इस योजना को रद्द कर दिया है।
दिल्ली सरकार ने इस योजना से कालाबाजारी पर लगाम लगने का दावा किया और कहा कि इससे राशन माफियाओं पर लगाम लगेगी और राशन सीधे लाभार्थी तक पहुंचेगा। इस मुद्दे पर दोनों सरकारों में द्वंद के बीच राशन डीलरों का एक संघ हाई कोर्ट पहुंच गया। उसने दिल्ली सरकार की संबंधित योजना को उसके कानून क्षेत्र के दायरे से बाहर बताया।
बता दें कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने पिछले साल मुख्यमंत्री घर-घर योजना शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन इस योजना पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताई। बाद में केजरीवाल सरकार ने इस योजना से मुख्यमंत्री शब्द हटा लिया था लेकिन इसके बावजूद केंद्र और एलजी की ओर से मंजूरी नहीं मिल पाई थी।