जयपुर में भांकरोटा पुलिस स्टेशन के भंडारगृह के प्रभारी एक हेड कांस्टेबल की बुधवार को मुकुंदपुरा पुलिस स्टेशन के अंदर कथित तौर पर आत्महत्या से मौत हो गई। कांस्टेबल ने जो सुसाइड नोट छोड़ा है, उसमें कथित रूप से तीन पुलिस अफसरों और एक पत्रकार का नाम लिखा हुआ है।
बता दें कि पीड़ित की पहचान बाबूलाल बैरवा के रूप में हुई है, जो जयपुर के लक्ष्मी विहार वैशाली मार्ग पश्चिम में अपने बेटे, बेटी और पत्नी के साथ रहते थे।
कांस्टेबल के परिवार और विभिन्न संगठनों ने एसएमएस अस्पताल के सामने उन लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दिया, जिन्होंने कथित तौर पर उसे इस कदम पर धकेला था। उन्होंने सीबीआई जांच और परिवार के सदस्य के लिए अनुकंपा नियुक्ति की भी मांग की।
एक प्रदर्शनकारी गिरिराज ने कहा, "बाबूलाल बैरवा एक ईमानदार पुलिस अधिकारी थे, लेकिन पिछले दो वर्षों से उन्हें परेशान किया जा रहा था। उनके वरिष्ठ अधिकारी उन्हें लोगों को गिरफ्तार करने के लिए मजबूर कर रहे थे। बाबूलाल ने कानून के खिलाफ जाने के बजाय मरना चुना।"
उन्होंने कहा, "हम 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हैं और पोस्टमॉर्टम पूरा होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।"
पुलिस के मुताबिक हेड कांस्टेबल के पास एक सुसाइड नोट मिला है। इस पर तीन पुलिस अधिकारियों और एक पत्रकार का नाम लिखा है। नोट में इन चारों को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
सुसाइड नोट में तीन एफआईआर की भी बात कही गई है। पुलिस ने लिखा है कि अगर इन तीनों एफआईआर की जांच सीबीआई से कराई जाए तो कई राज खुलेंगे. कांस्टेबल ने यह भी लिखा कि उनके खिलाफ आत्महत्या के लिए मजबूर करने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
बताया जा रहा है कि हेड कांस्टेबल बाबूलाल बैरवा ने सुबह करीब 11 बजे सुसाइड नोट को परिवार, भांकरोटा पुलिस स्टेशन और अधिकारियों के व्हाट्सएप ग्रुप पर साझा किया, जिसके बाद बाबूलाल की तलाश शुरू की गई।
उनका शव मुकुंदपुरा थाने में फंदे से लटका हुआ मिला। शव को एसएमएस अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
एडिशनल डीसीपी वेस्ट नीरज ने कहा, ''फिलहाल परिवार वालों और समाज के लोगों की काउंसलिंग की जा रही है और जैसे ही परिवार शिकायत देगा मामला दर्ज कर उचित कार्रवाई की जाएगी।