सिखों के सबसे दुर्गम तीर्थस्थलों में एक माने जाने वाले हेमकुण्ड साहिब के कपाट सोमवार सुबह साढे नौ बजे खोल दिए गए जहां पहले से मौजूद हजारों सिख तीर्थयात्रिायों की उपस्थिति में पहली अरदास शुरू हुई।
हल्की बूंदाबांदी और बर्फबारी के बीच हजारों सिख तीर्थयात्रिायों ने सोलह हजार फुट की ऊंचाई पर गुरूद्वारे के बाहर स्थित हेमकुण्ड सरोवर के बर्फीले पानी में स्नान करने के बाद अरदास की और गुरुबाणी व शब्द कीर्तन में हिस्सा लिया।
गुरूद्वारा प्रबंधक समिति के प्रबंधक सेवा सिंह ने बताया कि कपाट खुलने के बाद पहले अरदास हुई और बाद में गुरुबाणी , शब्द कीर्तन के साथ मुखभात की परंपरा का निर्वहन भी किया गया। उन्होंने बताया कि पहले दिन सात हजार से अधिक तीर्थयात्रिायों ने श्री हेमकुण्ड साहिब के दर्शन किए।