हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी ने भारी बारिश के मद्देनजर पुलिस को बचाव, राहत और यातायात अभियान को मजबूत करने, अपने कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और स्थानीय एवं आपदा प्रतिक्रिया एजेंसियों के साथ समन्वय में सुधार करने के निर्देश दिए हैं।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने राज्य भर में तैनात पुलिस और होमगार्ड कर्मियों की सुरक्षा और तत्परता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देश जारी किए हैं।
तिवारी ने सभी रेंज के पुलिस महानिरीक्षकों (आईजीपी), उप महानिरीक्षकों (डीआईजी), पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और कमांडिंग अधिकारियों को बचाव, राहत और यातायात प्रबंधन कार्यों के लिए पुलिस बल की तैयारियों को मजबूत करने का निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मियों को रेनकोट और छाते उपलब्ध कराए जाएं ताकि वे बारिश के बीच अपनी ज़िम्मेदारियां सुरक्षित तरीके से निभा सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पुलिस और होमगार्ड कर्मचारियों, खासकर चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में लंबे समय तक तैनात रहने वाले कर्मचारियों के लिए पर्याप्त भोजन और जलपान की व्यवस्था की जाए।
डीजीपी ने निर्देश दिया, ‘‘मौसम की अप्रत्याशित प्रकृति को देखते हुए, निर्बाध समन्वय बनाए रखने के लिए सभी वायरलेस संचार सेट पूरी तरह चार्ज और चालू होने चाहिए। इसके अतिरिक्त, आपातकालीन प्रतिक्रिया वाहनों में पेट्रोल और डीज़ल की पर्याप्त आपूर्ति होनी चाहिए ताकि महत्वपूर्ण अभियान के दौरान वे समय पर पहुंच सकें।’’
इसके अलावा, पुलिस कर्मियों को सतर्क रहने और संभावित खतरनाक परिस्थितियों में काम करते समय अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता देने की सलाह दी गई है।
डीजीपी ने बाढ़ या भूस्खलन की आशंका वाले क्षेत्रों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं ताकि जरूरत पड़ने पर पहले से ही सुरक्षा बल तैनात किए जा सकें। उन्होंने विभिन्न मीडिया माध्यमों से जन सुरक्षा संदेशों के प्रसार को सुगम बनाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग पर भी ज़ोर दिया।
तिवारी ने कहा कि जनता और पुलिसकर्मियों, दोनों की सुरक्षा सर्वोपरि है। उन्होंने कहा, ‘‘चूँकि हिमाचल प्रदेश भारी बारिश के प्रभाव से जूझ रहा है, इसलिए पुलिस बल पूरी तरह सतर्क है और लोगों की जान बचाने तथा किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’