जिन कर्मचारियों के लिए यह आदेश दिया गया है वह कलेक्टर रेट पर काम करने वाले हैं। इन कर्मचारियों को फिलहाल राष्ट्रीय अवकाशों के अलावा पांच अन्य त्योहारों पर छुट्टी दी जाती है। ओपन स्कूल ने छुटि्टयों के दिन तय कर दिए हैं। इसे लेकर नाराज दैवेभो कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है।
दैवेभो कर्मचारियों का आरोप है कि धर्म के आधार पर छुट्टी देकर उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। ओपन स्कूल के अफसरों के मुताबिक जो अवकाश तय किए हैं, उसके अलावा अन्य शासकीय अवकाश अथवा स्थानीय अवकाश का सवैतनिक भुगतान नहीं किया जाएगा। जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, दशहरा, दीपावली (दूसरा दिन), गुरुनानक जयंती हिंदुओं के पर्व हैं। ईदुज्जुहा, मोहर्रम, ईद-मिलाद-उन-नबी मुस्लिमों के पर्व हैं।
मध्यप्रदेश ओपन स्कूल के मुताबिक आउटसोर्स पर काम करने वाले दैवेभो कर्मचारियों को त्योहारों पर पांच छुट्टी देने की अनुमति मांगी गई, लेकिन किसी ने प्राथमिकता नहीं बताई। इसलिए कर्मचारियों को उनके धर्म के आधार पर अवकाश दिया जाएगा। वे चाहें तो इसे बदलवा भी सकेंगे। हम सरकारी नियमों का ही पालन कर रहे हैं, जिससे अवकाश के दिनों में काम प्रभावित न हो।
इधर मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अरुण यादव ने राज्य ओपन स्कूल परिषद के फैसले के फरमान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार लोकतंत्र का गला घोटने पर आमादा है। उन्होंने धर्म के आधार पर अवकाश देने के फैसले को वापस लेने की मांग की है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए।