लखनऊ। किसी भी राज्य का मुख्यमंत्री कार्यालय राजस्व वसूली समेत सूबे के तमाम प्रशासनिक कार्यों की दिशा तय करता है लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का दफ्तर और आवास खुद नगर निगम के लाखों रुपये के गृहकर के बकायेदार हैं। सूचना का अधिकार कानून के तहत मिली जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
सामाजिक कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा द्वारा पिछले साल 28 नवम्बर को लगाई गई आरटीआई अर्जी के गत सात जुलाई को दिए गए जवाब में लखनऊ नगर निगम ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री कार्यालय पर कुल 63 लाख 31 हजार 266 रुपये 47 पैसे का गृह कर बकाया है। जवाब के मुताबिक, इस धनराशि में 12 लाख 64 हजार 307 रुपये 55 पैसे बकाया नया है, जबकि 50 लाख 66 हजार 958 रुपये 92 पैसे का पुराना बकाया है।
इसी तरह, मुख्यमंत्री आवास पर भी तीन लाख 53 हजार 662 रुपये का गृहकर बकाया है। नगर निगम के दस्तावेजों में मुख्यमंत्री आवास भवन संख्या जीबी-133 के तौर पर दर्ज है। दोनों ही बकाया पिछली एक अप्रैल तक जमा करने थे।
इसके अलावा राजधानी की जवाहर भवन, इन्दिरा भवन और जनपथ भवन जैसी सरकारी इमारतें भी नगर निगम के बड़े बकायेदारों में शुमार हैं। जानकारी के मुताबिक, कई सरकारी दफ्तरों को खुद में समेेटे बहुमंजिला जवाहर भवन पर कुल चार करोड़ 33 लाख 97 हजार 202 रुपये का गृहकर बकाया है। इसी तरह इंदिरा भवन पर भी कुल तीन करोड़ 30 लाख 90 हजार 960 रुपये का गृहकर बकाया है। इसके अलावा जनपथ भवन पर दो करोड़ 57 लाख 11 हजार 444 रुपये का गृहकर बकाया है।