उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के मामले में यूपी पुलिस ने पूरी तरह यू-टर्न ले लिया है। पुलिस ने पहले जिन चार लोगों सर्फुद्दीन, नन्हे, साजिद और आसिफ को गिरफ्तार किया था, अब 17 दिन बाद पुलिस उन्हें निर्दोष बता रही है। इतना ही नहीं, पुलिस का कहना है कि वह अब इनकी रिहाई के लिए कोर्ट भी जाएगी। इन चार निर्दोषों को पुलिस ने 17 दिन से जेल की सलाखों के पीछे रखा है।
पुलिस के मुताबिक, गोकशी मामले मंगलवार को जिन तीन लोगों नदीम, रईस और काला को गिरफ्तार किया गया है, वो असली गुनहगार हैं। हालांकि हिंसा मामले में मुख्य आरोपी योगेश राज ने जो एफआईआर दर्ज कराई थी, उनमें इन तीनों का नाम नहीं है।
योगेश राज ने गोकशी के आरोप में इन चारों के खिलाफ दर्ज कराई थी शिकायत
बजरंग दल के नेता योगेश राज ने गोकशी के आरोप में सर्फुद्दीन, साजिद, आसिफ और नन्हे के खिलाफ नामजद शिकायद दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। लेकिन अब जांच के बाद पुलिस ने चारों आरोपियों को क्लीनचिट दे दी है।
बुलंदशहर की घटना राजनीतिक षडयंत्र: योगी
कानून व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष के जबर्दस्त हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित होने के बाद योगी ने संवाददाताओं से कहा, 'तीन दिसंबर की (बुलंदशहर) हिंसा उन लोगों का राजनीतिक षडयंत्र था, जो राजनीतिक आधार खो चुके हैं।' मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राजनीतिक षडयंत्र था, जिसका खुलासा हो चुका है। शांति व्यवस्था किसी भी कीमत पर बनाए रखी जाएगी।
मंगलवार को यूपी पुलिस ने की पांच गिरफ्तारियां
दरअसल, मंगलवार को बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस ने गोकशी के आरोप में तीन और हिंसा के सिलसिले में दो वांछित आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। हालांकि, इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या के मुख्य आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
जांच के दौरान इनके नाम सामने आए: एसएसपी प्रभाकर चौधरी
बुलंदशहर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि नदीम, रईस और काला नामक तीन लोगों को गोकशी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से एक गाड़ी और लाइसेंसी हथियार भी बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती शिकायत में तीनों के नाम नहीं थे, जिनमें सात आरोपियों के नाम थे। मगर जांच के दौरान इन तीनों के नाम सामने आए। चौधरी ने कहा कि 'पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इन तीन लोगों के नाम गोकशी में उनकी वास्तविक भूमिका के रूप में सामने आई है। आगे की जांच चल रही है।'
'पुलिस इस मामले की जांच कर रही है’
उन्होंने कहा कि शुरुआती शिकायत में तीनों के नाम नहीं थे, जिनमें सात आरोपियों के नाम थे। मगर जांच के दौरान इन तीनों के नाम सामने आए। चौधरी ने कहा कि 'पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इन तीन लोगों के नाम गोकशी में उनकी वास्तविक भूमिका के रूप में सामने आई है। आगे की जांच चल रही है।'
एसटीएफ ने दो वांछित आरोपियों को किया गिरफ्तार
वहीं, उत्तर पदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने बुलंदशहर जिले के स्याना थानाक्षेत्र में हुई हिंसा के सिलसिले में दो वांछित आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। एसटीएफ प्रवक्ता ने बताया कि सचिन उर्फ कोबरा एवं जानी चौधरी तीन दिसंबर को स्याना में हुई हिंसा के सिलसिले में वांछित थे।
प्रवक्ता ने बताया कि मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर एसटीएफ नोएडा की टीम ने सचिन और जानी को स्याना थानाक्षेत्र के गठिया बादशाहपुर बस स्टैण्ड से गिरफ्तार किया
गोली लगने से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हो गई थी मौत
3 दिसंबर को स्याना के चिंगरावठी गांव में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद गांव में हिंसा भड़क उठी थी। इसके बाद हिंसक भीड़ ने चिंगरावठी चौकी पर हमला कर दिया और कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इस हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने गोकशी और हिंसा फैलाने को लेकर अलग-अलग एफआईआर दर्ज किया है। जीतू फौजी नाम के एक आर्मी के जावान पर सुबोध सिंह को गोली मारने का आरोप है।
पुलिस ने बुलंदशहर मामले में 27 नामजद लोगों और तकरीबन 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों की तलाश में लगातार दबिश दी जा रही है।
सीएम योगी ने की थी इंस्पेक्टर के परिवार से मुलाकात
इस मामले में सीएम योगी आदित्यनाथ से सुबोध सिंह के परिवार की मुलाकात के बाद प्रशासन पर उन लोगों को गिरफ्तार करने का दबाव बढ़ा, जिनका स्याना में गोकशी में हाथ रहा है। बुलंदशहर के एएसपी रईस अख्तर ने कहा था कि बुलंदशहर में गोकशी का केस सुलझाना पुलिस की पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा था कि हिंसा और सुबोध सिंह हत्याकांड की जांच बाद में होगी।
बुलंदशहर एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि नदीम, रईस और काला नामक तीन लोगों को गोकशी के मामले में गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से एक गाड़ी और लाइसेंसी हथियार भी बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि शुरुआती शिकायत में तीनों के नाम नहीं थे, जिनमें सात आरोपियों के नाम थे। मगर जांच के दौरान इन तीनों के नाम सामने आए। चौधरी ने कहा कि 'पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और इन तीन लोगों के नाम गोकशी में उनकी वास्तविक भूमिका के रूप में सामने आई है। आगे की जांच चल रही है।'