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भारत गलवान घाटी की घटना को गश्त के दौरान झड़प कहकर न करे खारिज, कड़ा स्टैंड लेः कैप्टन अमरेंद्र सिंह

गलवान घाटी में हिंसा को चीन के बड़े मंसूबे का हिस्सा करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन...
भारत गलवान घाटी की घटना को गश्त के दौरान झड़प कहकर न करे खारिज, कड़ा स्टैंड लेः कैप्टन अमरेंद्र सिंह

गलवान घाटी में हिंसा को चीन के बड़े मंसूबे का हिस्सा करार देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने कहा कि भारत घटना को गश्त दौरान झड़प कहकर रद्द करने की गलती न करे, बल्कि भारतीय क्षेत्र में चीन के किसी भी हमले विरुद्ध कड़ा स्टैंड लेना चाहिए। गलवान घाटी में उभार के पैमाने दर्शाते हैं कि चीन किसी योजना के तहत काम कर रहा है।

पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की तरफ से आयोजित कांग्रेस वर्किंग कमेटी की वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री कै. अमरेंद्र ने कहा कि हमें कड़ा स्टैंड लेना होगा और स्पष्ट होना चाहिए कि एक इंच जगह भी गंवाते हैं तो वह जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान और चीन के साथ अपने समय की सभी झड़पें देख चुके हैं, और यह निश्चित तौर पर गश्त के दौरान हुई झड़प नहीं।’ इसमें पूर्व प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह, राहुल गांधी ने भी शिरकत की थी।

कोविड के साथ लड़ाई में सहायता न करने के लिए केंद्र की आलोचना

मुख्यमंत्री ने राज्य की कोविड के साथ लड़ाई में केंद्र द्वारा सहायता न करने के लिए कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पंजाब को केंद्र से जनवरी से मार्च के समय के 2800 करोड़ और थोड़ी अन्य ग्रांटें ही प्राप्त हुई हैं। अप्रैल से जून महीने के जी.एस.टी. के बकाए भी अभी नहीं मिले। उन्होंने कहा कि बार-बार अपील और मांग पत्रों के बावजूद केंद्र द्वारा रा’य को कोविड संकट के साथ लडऩे के लिए कोई सहायता नहीं मिली।

महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सूक्ष्म-सीमित रणनीति अपनाई

राज्य की अर्थव्यवस्था बहाली की योजना बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य नीति तैयार करने के लिए मोंटेक सिंह आहलूवालिया कमेटी फीडबैक साझा कर रही है जिसके मुताबिक अगला रास्ता तैयार किया जा रहा है। कोविड की स्थिति बारे कै. अमरेंद्र ने बताया कि महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सूक्ष्म-सीमित रणनीति अपनाई गई है। मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि लुधियाना और जालंधर के अलावा अमृतसर सबसे अधिक प्रभावित जिलों में से एक है जहां अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें आ रही हैं। दिल्ली से रोजाना हजारों लोग पंजाब आ रहे हैं जबकि दिल्ली में हालात पहले ही बहुत खराब हैं। इनमें से कई लोग आने संबंधी जानकारी भी नहीं दे रहे और इनको ढूंढना पड़ रहा है।

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