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जम्मू-कश्मीरः छह दिन में तीन आतंकी हमले

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने फरवरी महीने में मात्र छह दिन के भीतर तीन बड़े आतंकी हमले किए हैं। ये...
जम्मू-कश्मीरः छह दिन में तीन आतंकी हमले

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने फरवरी महीने में मात्र छह दिन के भीतर तीन बड़े आतंकी हमले किए हैं। ये सभी हमले सरकारी संस्थानों  जैसे आर्मी कैंप, सीआरपीएफ कैंप या अस्पताल पर किए गए। जिस तरह से हमले किए गए उससे साफ था कि दहशतगर्दों का मकसद लोगों को मारने तक ही सीमित नहीं था। वे सीधे तौर पर सुरक्षा से जुड़े संस्थानों को चुनौती दे रहे थे। साल की शुरुआत में भी आतंकियों ने सीमा सुरक्षा बल के जवानों पर दक्षिण कश्मीर के लेथापोरा में हमला किया था। एक जनवरी को 24 घंटे तक चली मुठभेड़ में पांच सुरक्षाकर्मी शहीद हुए और तीन आतंकी मारे गए थे।

इस बारे में आउटलुक से बात करते हुए मेजर जनरल (रि.) अशोक  ने कहा कि आतंकी अभी जहां हमले कर रहे हैं वे उनके ‘सॉफ्ट टारगेट’ हैं। यहां फैमिली होती है, बाल-बच्चे होते हैं इस कारण यहां हमला आसान होता है। यहां सतर्कता तो रहती है पर उतनी नहीं जितनी एलओसी पर होती है।

कर्नल मेहता ने कहा कि हमलावर फिदायीन होता है और वह तय कर के आता है कि उसे मरना है। इसलिए उसकी पूरी कोशिश होती है कि वह अधिक से अधिक तबाही मचा सके। उसका एक अन्य मकसद पब्लिसिटी पाना होता है। पिछले तीन दिनों से प्रिंट से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर इनकी खबरें छाई हुई हैं। वह कहते हैं, “पब्लिसिटी इज ऑक्सीजन फॉर द टेरटिस्ट।”

कर्नल मेहता मानते हैं कि इनसे निपटने के लिए राजनीतिक तौर पर कड़े कदम उठाए जाने चाहिए। यह लंबे दौ़ड़ का काम है। पाकिस्तान को उसी की मेडिसिन से जवाब देना समय की मांग है।

दूसरी ओर, पाकिस्तान की ओर से सीजफायर का भी उल्लंघन धड़ल्ले सी किया जा रहा है। इस साल पाकिस्तानी गोलीबारी में 10 जवान शहीद हुए हैं और नौ नागरिक मारे गए हैं। घायलों की संख्या 75 से अधिक है। सैकड़ों लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पनाह लेना पड़ा है जबकि सीमावर्ती क्षेत्रों के स्कूल बंद करा दिए गए हैँ।

सोमवार को श्रीनगर के करन सागर में सीआरपीएफ कैंप पर हुए हमले में एक जवान शहीद हो गया जबकि शनिवार को सुंजवान के आर्मी कैंप पर हुए हमले में पांच जवानों की शहादत हुई। हालांकि यहां हमला करने वाले चार आतंकी भी मारे गए। इससे पहले श्रीनगर का महाराजा हरिसिंह अस्पताल पर आतंकियों ने हमला किया और पाकिस्तानी आतंकी नावेद जट को छुड़ाने में सफल हो गए। यह दूसरा पाकिस्तानी आतंकी था जिंदा पकड़ा गया था। इससे पहले मुंबई हमले में शामिल आतंकी अजमल कसाब को जिंदा पकड़ा गया था। इस आतंकी को यहां सामान्य जांच के लिए लाया गया था। यहां भी आतंकियों के हमले में दो पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

जम्मू के सुंजवान स्थित आर्मी कैंप पर जिस तरह से हमला किया गया वह वैसी ही जगह है जिसे कर्नल मेहता कर्नल मेहता आतंकियों के लिए सॉफ्ट टारगेट मानते हैं। यहां एक जवान की बच्ची घायल होती है तो दूसरे की गर्भवती पत्नी। यानी निशाने पर परिवार के लोग ही थे। जान गंवाने वालों में एक जवान के पिता भी हैं। 

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