मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी को पार्टी से निकालने के बाद जद यू ने राज्यपाल से मिलकर मांग की थी सरकार बनाने का मौका दिया। लेकिन राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को बहुमत साबित करने के लिए 20 फरवरी का समय दे दिया। जद यू विधायक दल के नेता नीतीश कुमार ने दावा ठोक दिया कि विपक्ष का नेता का पद उन्हें दिया जाए क्योंकि सदन में अब भाजपा से ज्यादा उनके विधायकों की संख्या है।
अभी तक विपक्ष के नेता की भूमिका संभाल रही भारतीय जनता पार्टी के बारे में कयास लगाया जा रहा है कि जीतनराम मांझी को समर्थन कर सकती है। लेकिन आवश्यक बहुमत के लिए मांझी को और विधायकों की जरुरत है। ऐसे में नीतीश कुमार को मौका मिल गया कि वह विपक्ष की भूमिका निभाएं।
अगर बहुमत नहीं साबित हुआ तो मांझी को कुर्सी छोड़नी पड़ सकती है और नीतीश कुमार नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं। लेकिन जद यू को यह डर है कि राज्यपाल राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश न कर दे। क्योंकि भाजपा भी चाहती है कि समय से पहले राज्य में चुनाव हो जाए। ऐसे में नीतीश का दाव भाजपा पर उल्टा पड़ता दिख रहा हैं