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जाट आंदोलनकारियों और सरकार के बीच बातचीत को लेकर टकराव

रोहतक सहित प्रदेश के 12 जिलों में धरना लगाए बैठे जाट आंदोलनकारियों एवं राज्य सरकार के बीच आज चंडीगढ़ में प्रस्तावित बातचीत के शुरू होने से पहले इस पर विफलता के बादल मंडरा रहे हैं। बातचीत होगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति है क्योंकि आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि सरकार से बातचीत के लिए उन्हें खापों के नेता या अन्य कोई तीसरा पक्ष हरगिज मंजूर नहीं।
जाट आंदोलनकारियों और सरकार के बीच बातचीत को लेकर टकराव

सरकार को यदि बातचीत करनी ही है तो जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक से करे। बिना मलिक की मौजूदगी के आंदोलनकारियों की तरफ से सरकार के साथ बातचीत करने चंडीगढ़ कोई नहीं जाएगा। ऐसे में एक बात साफ है कि आंदोलनकारी जाटों और सरकार के बीच आज प्रस्तावित बातचीत एक दफा फिर से असफल होने की कगार पर है।

 

आरक्षण सहित कई अन्य मांगों के लिए हरियाणा के विभिन्न जिलों में जाट समाज के लोग 5 जून से धरना लगाए बैठे हैं और सभी जगह आंदोलन शांतिपूर्वक चल रहा है। खास बात यह है कि विभिन्न खापों ने जाट आरक्षण आंदोलन से पूरी तरह किनारा किया हुआ है। इसी कारण आंदोलनकारी इन खाप नेताओं से भी खार खाए बैठे हैं कि बार-बार कहने के बावजूद खापों के नेता जाट समाज के साथ उनकी लड़ाई में साथ देने के लिए आगे नहीं आ रहे तो फिर सरकार से बातचीत करने वे किस अधिकार से चंडीगढ़ जाएंगे। 

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