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जाट आरक्षण आंदोलन: दूसरे दिन भी जारी, पर फीका रहा असर

हरियाणा में सोमवार को भी आरक्षण की मांग को लेकर जाटों का आंदोलन जारी रहा। राज्य में विभिन्न स्थानों पर ऑल इंडिया जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) से जुड़े जाट नेताओं ने दूसरे दिन भी धरना दिया लेकिन उसमें लोगों की उपस्थिति कम ही रही।
जाट आरक्षण आंदोलन: दूसरे दिन भी जारी, पर फीका रहा असर

आरक्षण की मांग को लेकर हरियाणा में जाटों का आंदोलन सोमवार को भी जारी रहा। लेकिन पूरे राज्य में इसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिला। जाट नेताओं के धरनों में भी वलोगों की उपस्तिति बहुत कम देखने को मिली। अधिकारियों ने बताया कि राज्य के किसी भी हिस्से से किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है। रोहतक, हिसार, जींद और सोनीपत जिलों में जाट नेताओं ने आज धरना दिया। लेकिन कल की तरह ही कई जिलों में आज भी जाटों ने कोई विरोध-प्रदर्शन नहीं किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जाटों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर यह कहते हुए संतोष प्रकट किया कि राज्य सरकार ने उनसे इसकी अपील की थी। पंचकूला में एक कार्यक्रम के मौके पर खट्टर ने राज्य के लोगों को धन्यवाद दिया और उनसे शांति बनाए रखने की अपील की।

 

केंद्रीय और राज्य सुरक्षा बलों से करीब 20 हजार सुरक्षाकमर्मी राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलमार्गों समेत राज्य में कड़ी नजर रख रहे हैं। पिछली बार फरवरी में प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों और रेलमार्गों को कई दिनों तक बाधित कर दिया था। हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) रामनिवास ने बताया कि सीआरपीएफ, आईटीबीपी और बीएसएफ जैसे अर्द्धसैनिक बलों की 55 कंपनियां राज्य के संवेदनशील जिलों में तैनात की गई हैं। रोहतक जिले के जस्सिया गांव में जाट नेताओं ने आंदोलन के दूसरे दौर के तहत धरना दिया। यह गांव पिछले दौर में हिंसा का केंद्र रहा था। दूसरा दौर फीका है क्योंकि प्रभावशाली खाप पंचायतों और कुछ अन्य जाट गुटों ने प्रदर्शन से दूरी बना ली है। हरियाणा सर्वखाप जाट पंचायत के प्रवक्ता सूबे सिंह समैन ने रोहतक में कहा, इस बार हमने फैसला किया है कि धरना देने का यह सही समय नहीं है। मामला पहले से उच्च न्यायालय के सामने है। हमें सरकार की मंशा पर अनावश्यक संशय नहीं करना चाहिए।

 

पिछली बार फरवरी में जब आंदोलन हुआ था तब सर्वखाप पंचायत सरकारी नौकरियों में जाटों को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन में आगे रही थी। इस बार यशपाल मलिक की अगुवाई वाले एआईजेएएसएस ने प्रदर्शन के दूसरे दौर का आह्वान किया है। जाट प्रदर्शनकारी ओबीसी के तहत आरक्षण, पिछले आंदोलन के दौरान जाटों पर दर्ज मामले वापस लिए जाने, मारे गए लोगों को शहीदों का दर्जा दिए जाने, उनके रिश्तेदारों को नौकरी देने, घायलों को मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। राज्य सरकार इस बार पूरी तरह कमर कसे हुए है। आठ जिलों में संवदेनशील स्थानों पर धारा 144 लगाई गई है।

 

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