हरियाणा के रोहतक के बाल सरंक्षण गृह में बच्चों के यौन शोषण मामले में पंचकूला सीबीआई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। शुक्रवार को सीबीआई कोर्ट ने ‘अपना घर’ की पूर्व संचालक एवं मुख्य आरोपी जसवंती देवी सहित नौ आरोपियों को सजा सुनाई। अपना घर बाल संरक्षण गृह की पूर्व संचालिका जसवंती देवी, दामाद जय भगवान और ड्राइवर सतीश को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। जबकि जसवंती देवी के भाई जसवंत को सात साल की सजा हुई। वहीं, चार आरोपियों वीना, शिला, सिम्मी, प्रकाश सैनी और रोशनी को जितनी सजा काट चुके हैं उतनी ही सजा और दो आरोपियों राम प्रकाश सैनी व रोशनी को प्रोबेशनरी का फैसला सुनाया।
18 अप्रैल को सीबीआई कोर्ट ने मुख्य आरोपी जसवंती देवी सहित नौ आरोपियों को दोषी करार दिया था। पंचकूला स्थित हरियाणा की विशेष सीबीआई अदालत के जज जगदीप सिंह ने मुख्य आरोपित जसवंती देवी सहित नौ आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद सजा सुनाई। इस केस में रोहतक की पूर्व बाल विकास परियोजना अधिकारी अंग्रेज कौर हुड्डा को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि 8 मई 2012 को अपना घर के नाम से चल रहे अनाथालय में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने छापा मारा था। यह कार्यवाही यहां से लापता हुई तीन लड़कियों के दिल्ली में पकड़े जाने पर हुई थी। छापे के बाद अपना घर की संचालिका जसवंती व अन्य के खिलाफ, देह व्यापार, शोषण, मारपीट व मानव तस्करी आदि के मामले दर्ज किए गए थे। हरियाणा पुलिस की शुरुआती जांच के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। अगस्त 2012 को चालान में सीबीआइ ने जसवंती देवी को मामले का मुख्य आरोपी बनाया था। ट्रायल के दौरान आरोपियों पर दुष्कर्म, सामूहिक दुष्कर्म, अनैतिक तस्करी, चोट, गंभीर चोट, छेड़छाड़, महिला की सहमति के बिना गर्भपात, अवैध अनिवार्य श्रम और बच्चों के साथ क्रूरता पर दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें दी थी।