Advertisement

झारखंड: मैं कलाकार बनना चाहता हूं और लोग इंजीनियर बनाना चाहते हैं... जा रहा हूं

कभी कभी अपने सपनों को बच्‍चों के माध्‍यम से साकार करने की कोशिश बड़ा भारी पड़ जाता है। कुछ इसी तरह की...
झारखंड: मैं कलाकार बनना चाहता हूं और लोग इंजीनियर बनाना चाहते हैं... जा रहा हूं

कभी कभी अपने सपनों को बच्‍चों के माध्‍यम से साकार करने की कोशिश बड़ा भारी पड़ जाता है। कुछ इसी तरह की घटना रांची में हुई। रांची के दिल्‍ली पब्लिक स्‍कूल में दसवीं की कक्षा के छात्र रुद्रांश कबीर ने फंदे पर झूलकर जान दे दी। सुसाइड नोट भी छोड़ा। लिखा मैं कलाकार बनना चाहता हूं कभी इंजीनियर बनना नहीं चाहता मगर लोग मुझे इंजीनियर बनाने पर तुले थे। परिवार, समाज, मुहल्‍ले, स्‍कूल और जिन्‍हें मैं जानता हूं उन तमाम लोगों से मुझे नफरत है। इसलिए मैं जा रहा हूं। आप लोगों ने इसके लिए बाध्‍य किया, मेरी हत्‍या की।

16 साल का रुद्रांश खेल और एक्टिंग के साथ पढ़ाई में भी बेहतर था। मगर एक्‍टर से इतर इंजीनियर बनने के दबाव के कारण अंतत: दुनिया को अलविदा कह दिया। रांची के एक फाइनांस कंपनी में काम करने वाले रुद्रांश के पिता राजीव झा ने यूडी केस दर्ज कराया है। पुलिस ने उसके कमरे से सुसाइड नोट बरामद कर लिया है और आगे की जांच, कार्रवाई कर रही है। रुद्रांश के पिता रांची के अरगोड़ा स्थित बुध विहार कॉलोनी में किराये के मकान में रहते हैं।

रविवार की सुबह रुद्रांश नाश्‍ता करने के बाद अपने कमरे में चला गया। दोपहर में मां जब उसे खाना खाने के लिए बुलाने गई तो कमरे का दरबाजा बंद था। आवाज लगाने पर भी नहीं खुला तो उसे तोड़ा गया तो भीतर चादर की मदद से पंखे से लटका दिखाई पड़ा। परिजन अस्‍पताल ले गये मगर तब तक उसकी जान जा चुकी थी। पुलिस ने उसके कमरे से सुसाइड नोट बरामद किया है। पुलिस के अनुसार अपनी पढ़ाई को लेकर वह तनाव में रहता था, पढ़ाई के लिए अक्‍सर उसे डांट मिलती थी। सोमवार को मैथ की परीक्षा थी जिसकी तैयारी वह ठीक से नहीं कर पाया था। दो विषयों की परीक्षा वह दे चुका था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
  Close Ad