Advertisement

बिजली को लेकर झारखंड और मोदी सरकार आमने-सामने, कई जिलों में हो सकता है ब्लैक आउट

डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) के बकाया बिजली बिल को लेकर झारखण्‍ड की हेमन्‍त सरकार और केंद्र की नरेंद्र...
बिजली को लेकर झारखंड और मोदी सरकार आमने-सामने, कई जिलों में हो सकता है ब्लैक आउट

डीवीसी (दामोदर घाटी निगम) के बकाया बिजली बिल को लेकर झारखण्‍ड की हेमन्‍त सरकार और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बीच ठनी हुई है। केंद्रीय लोक उपक्रम डीवीसी ने बकाया भुगतान नहीं होने पर आपूर्ति वाले सात जिलों में ब्‍लैक आउट की धमकी दी तो राज्‍य  बिजली वितरण निगम ने केंद्रीय लोक उपक्रमों भारी अभियंत्रण निगम (एचईसी), यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया और तुरामडीह परियोजना को बिजली बंद करने की धमकी दे दी। इन केंद्रीय उपक्रमों पर 141 करोड़ रुपये का बकाया है।

यूरेनियम कॉरपोरेशन पर 54 करोड़, एचईसी पर करीब 51 करोड़ और तुरामडीह परियोजना पर 36 करोड़ रुपये बिजली बिल मद में झारखंड बिजली वितरण निगम का बकाया है। इधर बिजली बितरण निगम के 170 करोड़ रुपये के लेटर ऑफ क्रेडिट को भुनाने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद डीवीसी ने क्रेडिट पर बिजली लेने के लिए अगला लेटर ऑफ क्रेडिट जारी करने, तब तक बिजली के एवज में अग्रिम भुगतान की मांग की है। डीवीसी के बकाया बिजली मद की राशि राज्‍य के खजाने से केंद्र द्वारा काट लिये जाने के बाद इसी सप्‍ताह राज्‍य सरकार उस त्रिपक्षीय समझौते से अलग हो गई है जिसमें राज्‍य के खजाने से बकाया काट लिये जाने का प्रावधान है। त्रिपक्षीय समझौते के अलग होने के बाद से राज्‍य बिजली वितरण निगम और डीवीसी के बीच तल्‍खी बढ़ गई है। दूसरी तरफ डीवीसी ने उपभोक्‍ताओं से सीधा बिजली लेने के लिए कहा है।

बता दें कि त्रिपक्षीय समझौता भाजपा के रघुवर सरकार के समय हुआ था। और उस दौरान पांच हजार करोड़ से अधिक का बकाया डीवीसी का हो गया था मगर राशि खजाने से नहीं काटी गई न इस तरह का दबाव बना। इधर शुक्रवार को पूर्व मुख्‍यमंत्री रघुवर दास ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। और ट्विट कर कहा कि केंद्रीय मंत्री ने उन्‍हें बताया कि राज्‍य सरकार डीवीसी के साथ करार की शर्तों को पूरा नहीं कर रहा। सरकार को मासिक बिल का भुगतान करना था लेकि अप्रैल से अब तक के मासिक बकाया 1323.90 करोड़ रुपये में मात्र 440.72 करोड़ रुपये  का भुगतान किया है इस कारण बिजली की कटौती की जा रही है। राज्‍य सरकार इस मसले पर राजनीति कर रही है। इधर झारखंड बिजली वितरण निगम का कहना है कि उसका सिर्फ पचास करोड़ रुपये बकाया है। आठ जनवरी को  एक सौ करोड़ रुपये की राशि डीवीसी को दी जा चुकी है 50 करोड़ रुपये शेष है जो इसी माह चुकता कर दिया जायेगा। अब कोई खास मुद्दा नहीं रह गया है। जहां तक पूर्व के बकाया करीब पांच हजार करोड़ रुपये का मामला है तो वह विवादास्‍पद है और दिल्‍ली के अपीलय न्‍यायाधिकरण में सुनवाई के लिए लंबित है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad