देवघर जिला के मधुपुर विधानसभा उपचुनाव के लिए 17 को मतदान होना है। मधुपुर गोड्डा संसदीय क्षेत्र के अधीन है। चुनाव प्रचार समाप्त होने के एक दिन पहले प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी द्वारा स्पर्श पूजा के बाद बवाल मचा हुआ है। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने गुरुवार को ट्वीट कर इस पर विरोध जाहिर करते हुए कहा है कि पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद और निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर कैलाश नंद ने मुझे फोन कर कहा कि इससे बड़ा जघन्य अपराध नहीं हो सकता।
बुधवार को इरफान अंसारी ने तीर्थ पुरोहित प्रदीप कर्महे से विधि पूर्वक संकल्प कराकर स्पर्श पूजा की थी। तब सांसद निशिकांत दुबे की प्रतिक्रिया आई कि जिस तरह काबा में किसी गैर मुस्लिम का प्रवेश वर्जित है उसी तरह द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भ गृह में किसी गैर हिंदू का प्रवेश वर्जित है। इस मसले पर उन्होंने मुख्य सचिव से बात की और देवघर के डीसी और एसपी को बर्खास्त करने की मांग की। कहा कि डीसी मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव भी हैं। निशिकांत ने कहा कि वर्षों पहले केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला को लेकर वे मंदिर गये थे तब वे मंदिर प्रांगण तक ही गये थे। उन्हें बताया गया था कि वे मंदिर के गर्भ गृह तक नहीं जा सकते तब वे प्रांगण से ही वापस लौट गये थे। इरफान अंसारी के स्पर्श पूजा को लेकर भाजपा के शिष्टमंडल ने राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से मिलकर इरफान अंसारी पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का उल्लंघन कर दंगा भड़काने के प्रयास का आरोप लगाते हुए रासुका के तहत कार्रवाई की मांग की है।
वहीं इरफान अंसारी ने ट्वीट कर कहा है कि बाबा भोलेनाथ के दरबार में हजारों बार गया हूं लेकिन भगोड़े सांसद की नजर में पहलीबार गया हूं। इतिहास पता नहीं है, मां पार्वती और शंकर भगवान जी के मंदिर का गठजोड़ हमारे पूर्वजों के द्वारा बुने गये धागे से ही होता आ रहा है। बाबा नगरी मेरी जन्मस्थली है निशिकांत दुबे की संकीर्ण मानसिकता से मन दुखी है और बाबा नगरी मेरा घर आंगन है। कोई बाहरी नेता मुझे अपने घर से दूर नहीं कर सकता। बाबा मेरे हैं और मैं बाबा का भक्त हूं कोई निशिकांत धर्म का ठेकेदार न बने। इरफान ने ट्वीटर पर कई पोस्ट किये। इधर गुरुवार को अपने पोस्ट में निशिकांत दुबे ने कहा कि लानत है चोरी व सीनाजोरी करने वाले लोगों पर। कभी मक्का मदीना या काबा में घुसकर बता दो। पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद जी व निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद जी ने फोन किया था मुझे। उन्होंने मुझे कहा कि इससे बड़ा जघन्य अपराध कुछ नहीं हो सकता। कैलाशनंद जी निकट भविष्य में देवघर आयेंगे। कम से कम धार्मिक स्थलों पर तो सेकुलर होने की राजनीति नहीं करिये। उन्होंने लिखा है कि इंदिरा गांधी जी जब देश की प्रधानमंत्री थीं तब भी 1984 में उनको पुरी के जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया गया था। बहरहाल मतदान के घंटे करीब आ रहे हैं और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण तेज है।