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झारखंड: किसानों की कर्जमाफी का ऐलान, 7 लाख किसानों को मिलेगा फायदा

हेमंत सरकार ने कर्ज में डूबे प्रदेश के छोटे किसानों का कर्ज माफ करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये की...
झारखंड: किसानों की कर्जमाफी का ऐलान, 7 लाख किसानों को मिलेगा फायदा

हेमंत सरकार ने कर्ज में डूबे प्रदेश के छोटे किसानों का कर्ज माफ करने के लिए दो हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में राशि की मंजूरी दी गई। हेमंत सरकार ने अपनी बजट में ही दो हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किसानों की कर्ज माफी के लिए किया था मगर उसे कैबिनेट की मंजूरी अब मिली है। कोरोना काल में खाली खजाना के बावजूद दो हजार करोड़ रुपये की मंजूरी सरकार की किसानों के प्रति दिलेरी दिखा रही है। छोटे किसानों का 50 हजार रुपये तक का कर्ज माफ होगा। कैबिनेट सचिव अजय कुमार सिंह के अनुसार झारखंड के 12.98 लाख किसानों पर करीब 5800 करोड़ के कर्ज में डूबे हैं। जिसमें करीब नौ लाख खाते एक्टिव हैं। लगभग सात लाख किसानों को कर्ज माफी का फायदा मिल सकता है। जिसमें ज्‍यादा ने किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज लिया है। डीबीटी के माध्‍यम से राशि उनके खाते में जायेगी। इसके लिए किसानों से सिर्फ एक रुपये सेवा शुल्‍क लिया जायेगा। कृषि मंत्री बादल कर्ज माफी के तरीकों और भुगतान की प्रक्रिया को लेकर लगातार अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठकें करते रहे। इस क्रम में किसानों को सूचीबद्ध करने की कार्रवाई भी चली है। मार्च 2020 तक के कर्जदार किसानों को इसका लाभ मिल सकेगा। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में किसानों के कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। एक साल पूरा होने के मौके पर सरकार ने माफी के लिए राशि की स्‍वीकृति दी है। कैबिनेट के फैसले को हेमंत सरकार के एक साल पूरा होने के लिए प्रस्‍तावित कार्यक्रमों को एक प्रकार से अंतिम रूप दिया गया है।

फसल बीमा के बदले मुआवजा की राशि सरकार अपने कोष से देगी

किसानों के मामले में एक और निर्णय करते हुए कैबिनेट ने निर्णय किया कि फसल राहत योजना के तहत अब राज्‍य सरकार मुआवजा अदा करेगी। अब तक फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियां मुआवजे की राशि अदा करती थी। जो अब सरकार अपने खजाने से करेगी। कैबिनेट ने कुल 63 प्रस्‍तावों को मंजूरी दी है।

सांसदों, विधायकों के मामले का स्‍पीडी ट्रायल

अब सांसदों, विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की त्‍वरित सुनवाई होगी। इसके लिए राज्‍य में चार विशेष अदालत गठित करने के प्रस्‍ताव को भी मंजूरी दी गई है। हजारीबाग, डाल्‍टनगंज, दुमका और चाईबासा। वर्तमान में रांची और धनबाद में ही ऐसे मामलों की सुनवाई के लिए विशेष अदालत कार्यरत हैं। वहीं चिटफंड फ्रॉड से जुड़े सीबीआइ द्वारा दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए रांची में विशेष न्‍यायिक दंडाधिकारी के दो विशेष अदालत गठित करने की स्‍वीकृति दी गई है।

कैबिनेट ने दवाओं की कीमत पर नियंत्रण के लिए एक सोसाइटी गठित करने, मुख्‍यमंत्री पशुधन योजना के तहत 355 करोड़ देने, आयुष चिकित्‍सकों की उम्र सीमा 60 से बढ़ाकर 65 साल करने, रांची में कमजोर वर्ग के लिए 1008 आवास बनाने आदि को मंजूरी दी है।

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