कोरोना के बढ़ते संक्रण के बावजूद झारखण्ड सरकार लॉकडाउन की दिशा में कदम नहीं उठा सकी। अब व्यापारिक संगठन आगे आकर पांच दिनों तक दुकान और औद्योगिक प्रतिष्ठान बंद रखने का निर्णय किया है। सोमवार को झारखण्ड चैंबर ऑफ कार्मस एण्ड इंडस्ट्रीज ने बैठक के बाद आइएम के प्रतिनिधियों के साथ प्रेस वार्ता की। चैंबर के अध्यक्ष प्रवीण जैन छावड़ा ने कहा कि कहा कि कोरोना के संक्रमण के चेन के तोड़ने के लिए दुकानों और औद्योगिक इकाइयों को बंद करना जरूरी है। इसकी जरूरत महसूस करते हुए 21 से 25 अप्रैल तक यानी पांच दिनों तक सेल्फ लॉकडाउन का निर्णय किया गया है। अपनी इकाइयों के सदस्यों और व्यापारियों, उद्यमियों से इस आशय की अपील की गई है।
छावड़ा ने कहा कि उन्होंने सरकार से लॉकडाउन का आग्रह किया था मगर सरकार ने ठुकरा दिया। विभिन्न संगठनों से वार्ता के बाद महसूस किया गया कि व्यापारियों को खुद आगे आना होगा। प्रतिनिधियों ने कहा कि सरकार अपने स्तर से प्रयास कर रही है। संसाधन के विस्तार के लिए सरकार को भी समय चाहिए। हाट, बाजार बंद रहेंगे तो लोग घरों से नहीं निकलेंगे। पांच दिनों की बंदी से रोज कमाने खाने वालों को भी बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। यह जिंदगी और मौत का प्रश्न है। प्रतिष्ठान बंद कर लोग घरों में रहें। इससे यह भी स्पष्ट होगा कि कोरोना के चेन को तोड़ने में लॉकडाउन से कितनी मदद मिली। औद्योगिक इकाइयां बंद रहेंगी तो वहां इस्तेमाल होने वाले ऑकसीजन की खपत में भी कमी आएगी। यह संक्रमित व्यक्ति के इलाज में काम आ सकेगा। झारखण्ड आइएमए पहले ही 15 दिनों के अनिवार्य लॉकडाउन की सिफारिश कर चुका है।
आइएमए के अध्यक्ष शंभू प्रसाद सिंह ने मौके पर कहा कि संकट भयावह है, हालात बेकाबू। दवाओं, आक्सीजन और अस्पतालों में बेड बढ़ाने की जरूरत है। चैंबर की अपील के पहले ही रांची के शास्त्री मार्केट, अटल वेंडर मार्केट, चर्च कॉम्प्लेक्स आदि ने एक सप्ताह तक दुकानें बंद रखने का एलान कर रखा है। सोमवार को रांची के सबसे बड़े खुदरा इलेक्ट्रानिक आइटम के मार्केट न्यू डेली मार्केट व्यवसायी संघ ने बैठक कर 23 से 25 अप्रैल तक दुकानें बंद रखने का निर्णय किया है। संकट के दौरान शाम पांच बजे तक ही दुकानें खोलने का भी निर्णय किया गया। चैंबर की इस अपील से व्यापारियों के साथ सरकार को भी राहत मिलेगी।