हजारीबाग में केरोसिन बम ने प्रशासन की नाक में दम कर रखा है। एक सप्ताह में आधा दर्जन से अधिक घरों में धमाके में तीन लोगों की मौत हो चुकी है और करीब एक दर्जन लोग घायल हुए हैं। पिछले सप्ताह लालटेन और डिबरी जलाने के क्रम में आग के संपर्क में आते ही लालटेन, डिबरी और किरोसिन गैलन में धमाकों के बाद प्रशासन ने किरोसिन तेल के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया था।
इसके बावजूद शनिवार की रात मुफस्सिल थााना के चुटियारो गांव में फिर धमाका हुआ। इंद्रदेव राणा के घर लालटेन में केरोसिन तेल डालने के क्रम में धमाका हुआ जिसमें राणा की पत्नी और दो बच्चे घायल हो गये। तीनों 70 प्रतिशत से अधिक जल गये हैं। प्रतिबंध के बावजूद धमाका की घटना को प्रशासन ने गंभीरता से लिया। जिला उपायुक्त के निर्देश पर अब घर-घर से केरोसिन तेल एकत्र किया जा रहा है ताकि उन्हें नष्ट किया जा सके तथा विस्फोट की और घटनाएं नहीं हों। रांची के रिम्स में भर्ती अमनारी गांव की सविता की भी शनिवार की देर रात मौत हो गई। सविता की मौत के बाद विस्फोटक केरोसिन से मरने वालों की संख्या तीन हो गई है।
प्रारंभिक जांच से जाहिर हुआ है कि पीडीएस दुकानों में और पीडीएस दुकानों से ही मिलावटी केरोसिन की आपूर्ति की गई। वही विस्फोट का कारण बन रहा है। केरोसिन का सामान्य फ्लैश प्वाइंट 35 डिग्री सेंटीग्रेट होता है मगर हजारीबाग की घटनाओं में और गांवों से बरामद केरोसिन का फ्लैश प्वाइंट 13.5 डिग्री था। प्रशासन इस नतीजे पर पहुंचा है कि मिलावट के कारण यह हुआ है। संभव है केरोसिल ढोने के क्रम में चूक हुई है। हो सकता है पेट्रोल टैंक में केरोसिन की ढुलाई हुई हो। हालांकि विस्तृत तकनीकी जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। देखना यह होगा कि डिपो से पीडीएस दुकान तक पहुंचाने में किस स्तर पर गड़बड़ी हुई है। चूंकि करीब आधा दर्जन गांवों में ऐसी घटनाएं हुई हैं, ऐसे में संभव है कि कंपनी के बदले ट्रेडिंग कंपनी के स्तर पर चूक हुई है। वैसे एहतियातन राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में नमूने एकत्र कराकर जांच करा रही है ताकि दूसरे इलाकों में इस तरह की घटना न हो। बता दें कि पिछले सप्ताह हजारीबाग के चुटियारो, सरौनी, अमनारी और पारडीह गांव के आधा दर्जन घरों में केरोसिन विस्फोट की घटनाएं घटी हैं।