महज 500 रुपये का सवाल था। इस 500 रुपये की वजह से दशरथ महतो को 17 साल तक फरारी का जीवन जीना पड़ा। अब सीबीआई ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। दरअसल रेल मंडल में काम करने वाले दशरथ महतो पर 500 रुपये रिश्वत लेने के मामले में 2004 में सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की थी। जमानत के लिए दशरथ महतो ने निचली अदालत, रांची हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया मगर कहीं से राहत नहीं मिली। 2004 में सीबीआई ने पीसी एक्ट यानी प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया था।
गुरुवार को दशरथ महतो को गिरफ़्तार करने के बाद सीबीआई की टीम ने सिविल कोर्ट में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। सीबीआई द्वारा 2004 में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद से दशरथ महतो फरार चल रहे थे।