दो माह की मासूम लक्ष्मी ने तो अभी दुनिया भी नहीं देखा था। हर बात पर मां-दादी के साये और नरम हाथों की दरकार रही होगी। उसके बाप का हाथ गले पर दबा होगा तो कुछ समझ भी नहीं पायी होगी। दम घुटता होगा मगर ठीक से चीख भी नहीं पाई होगी। गले पर बढ़े दबाव के पीछे अपने गुनाह को समझ भी नहीं पाई होगी। नहीं समझ पाई होगी कि किसी का बाप भी ऐसा होता। समझ में नहीं आया होगा कि जिन हाथों से दुलार की जरूरत है वह इतना क्रूर कैसे हो गया।
सुबह नींद के आगोश में सोई नन्हीं परी शायद कुछ समझ पाती, कोई बचाने आता उसने दुनिया को अलविदा कह दिया। उसकी जान चली गई। आता भी कौन, मां को छोड़ घर के दूसरे तो उसके खिलाफ थे। क्या बाप क्या दादी। शायद बेटी थी या अनचाही औलाद, इसलिए मार डाली गई। लोग तो ऐसा ही कहते हैं, खुद मां भी।
पिता की तरह के भेड़िये जब घर में ही थे तो निरीह मां कितने दिनों तक रक्षा कर पाती। घटना झारखंड के चतरा जिला के पत्थलगडा थाना के मेराल पंचायत के खैरा गांव की है। दो माह की मासूम को बचाने में बेबस मां गायत्री देवी ने थाना जाकर अपने पति हेमराज साव, सास मालवा देवी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। सोमवर की सुबह घर में सो रही दो माह की बेटी का गला दबाकर हत्या करने का आरोप लगाया है।
गायत्री का कहना है कि शादी के बाद उसने दो बार गर्भ धारण किया मगर पति और सास ने मिलकर जबरन दवा खिला गर्भपात करा दिया। मायके वालों को जानकारी मिली तो पंचायत भी हुई। दोनों को डांट भी मिली। मगर पति और सास का उत्पीड़न बढ़ता गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर खैरा गांव जा हत्या के दोनों आरोपी हेमराज साव व उसकी मां मलवादेवी को गिरफ्तार कर लिया है। और बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।