चाईबासा के हाटगम्हरिया के कुईड़ा गांव में चार बच्चों की मां 32 साल की विधवा शांति सुंडी अपने बच्चों के साथ सोने की तैयारी कर रही थी रही थी। उसी समय गांव के ही दो लोग उसके घर में प्रवेश किये। बच्चों को दूसरी तरफ भेज दिया। फिर खाट पर लिटाकर चाकू से शांति की गर्दन रेत दी। उस समय छोटी बेटी पिंकी मां से चिपकी हुई थी। रेतने के बाद गले से खून का फब्बारा निकला तो पिंकी भी खून से सराबोर हो गई।
जान बचाने के लिए शांति कटा हुआ गर्दन लिये ही जान बचाने के लिए गांव में दौड़ती रही। कोई बचाने नहीं आया अंतत: करीब 700 मीटर भागने के बाद गांव के ही एक के घर के बाहर गिर गई जहां उसकी मौत हो गई।
पीछे-पीछे बच्चे भी रोते-चिल्लाते भागते रहे मगर अपराधियों के डर से कोई मदद को नहीं आया। इसी बीच शांति का दस साल का एक बेटा भागता हुआ बगल के टोला में चाचा के पास पहुंचा। चाचा जब तक आते शांति की मौत हो चुकी थी। उसके बच्चे अनाथ। घटना के सिलसिले में पुलिस ने गांव के ही माटा सुंडी और बूंदी राम बिरुवा को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है।
एक दुर्घटना बनी परिवार के लिए काल
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2017 में शांति के पति सोनाराम की बाइक दुर्घटना में मौत हो गई थी। बाइक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। बाइक सोनाराम के दोस्त चोकरो सुंडी की थी। चोकरो का चाचा माटा बदले में शांति से नई बाइक की मांग कर रहा था। खराब माली हालत में शांति नई बाइक के पैसे देती तो कहां से। इसको लेकर वह लगातार दबाव बना रहा था। बाइक न मिलने की वजह से नाराजगी में यह बदले की कार्रवाई है।