Advertisement

बिहार सरकार पर गरजे कन्हैया, छात्रों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न करें

जेएनयू छात्रासंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने पटना आर्ट्स कॉलेज में जारी छात्रों के आंदोलन को समाप्त कराए जाने और बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की परीक्षा तिथि में बदलाव की अपील बिहार सरकार से करते हुए रविवार को कहा कि छात्रों को पढ़ने दिया जाए, उन्हें सड़कों पर उतरने के लिए विवश न किया जाए।
बिहार सरकार पर गरजे कन्हैया, छात्रों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर न करें

पटना दौरे पर आए कन्हैया ने पटना आर्ट्स कालेज के छात्रों के आंदोलन का समर्थन करते हुए प्रदेश की नीतीश कुमार सरकार से उक्त मामले में त्वरित कार्रवाई करने, वहां के प्रचार्य को लंबी छुट्टी पर भेजे जाने के बजाए उन्हें बर्खास्त करने, छात्रों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की। उन्होंने जिन छात्रों की परीक्षा अभी तक आयोजित नहीं की जा सकी उनकी परीक्षा के आयोजन तथा मास्टर इन फाईन आर्टस की पढाई की शुरूआत करने की भी अपील की। कन्हैया ने सरकार से मामले की न्यायिक जांच कराने की अपील करते हुए कहा कि जो भी उसमें संलिप्त हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। कन्हैया ने बिहार में छात्रों को हिंसा पर उतारू होने के लिए भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतांत्रिक समाज और किसी भी शांतिपूर्ण समाज के लिए यह खतरनाक है। विद्यार्थी देश के भविष्य हैं और उन्हें इस बात के लिए विवश नहीं किया जाए कि वे अपनी पढाई छोड़कर सड़कों पर उतरें।

 

पटना में रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते हुए कन्हैया ने कहा कि समान शिक्षा से ही समाज में समानता आ सकती है। लोगों की शिक्षा और योग्यता के आधार पर उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाना चाहिए लेकिन इसे लेकर सरकारें गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि विद्यार्थियों को सड़कों पर उतरना पड़ता है। देश में शिक्षा और रोजगार को अलग-अलग कर देखे जाने का आरोप लगाते हुए कन्हैया ने बीपीएससी की परीक्षा की तिथि आगे नहीं बढ़ाए जाने पर रोष जताया। उन्होंने कहा कि विद्यर्थियों के प्रति ऐसी हठधर्मिता से प्रतीत होता है कि आयोग अभ्यर्थियों का चयन करने के लिए नहीं बल्कि उनकी छंटनी करने के लिए परीक्षा का आयोजन करती है। दो अलग-अलग तिथियों में परीक्षा होने पर प्रतिभागी यूपीएससी और बीपीएससी दोनों की परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।

 

कन्हैया ने मगध विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणाम में हुई गड़बड़ी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय के लिए बोझ हैं। जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आते हुए शिक्षा के बजट में भारी कटौती करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समाज की बुनियाद ही कमजोर होगी वह समाज कितना सुदृढ और बेहतर होगा अपने आप में एक बड़ा सवाल है। उन्होंने ने कहा कि हम विद्यार्थी हैं पढना हमारा काम है। लेकिन पढाई ठीक ढंग से नहीं होने पर, सजग विद्यार्थी होने के नाते शिक्षा को बेहतर करने के लिए लड़ना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, ऐसा नहीं है कि मोदी जी बहुत दूर और नीतीश जी बहुत करीब हैं। हम शिक्षा को अपने लिए और आने वाली पीढी के लिए बेहतर करना चाहते हैं और इस सवाल को लेकर जो भी हमारे मुद्दे को सुनेंगे वे हमारे लिए बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि बीपीएसएसी की परीक्षा के सवाल को लेकर आयोग के अध्यक्ष से मिलना चाहा और मुख्यमंत्री से भी मिलने का समय मांगा पर इनमें से किसी से भी हमारी मुलाकात नहीं हो पाई।

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad