Advertisement

कर्नाटक के लोकायुक्त का इस्तीफा

कर्नाटक के लोकायुक्त वाई भास्कर राव ने आज अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनका इस्तीफा सोमवार को कर्नाटक लोकायुक्त के प्रभारी रजिस्ट्रार एन.एस. बालाकृष्‍ण ने राज्यपाल वजुभाई आर वाला को सौंपा। मंगलवार को राज्यपाल ने इस्तीफा मंजूर कर लिया।
कर्नाटक के लोकायुक्त का इस्तीफा

गौरतलब है कि राव को हटाने का प्रस्ताव हाल ही में राज्य विधानसभा में पारित हुआ था और विधानसभा अध्यक्ष मामले की जांच कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को सौंपने वाले थे। भास्कर राव इस वर्ष 27 जुलाई से छुट्टी पर थे और हैदराबाद में रह रहे थे। उनके पुत्र वाई अश्विन को लोकायुक्त कार्यालय में अवैध वसूली का रैकेट ‌चलाने के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद राव पर पद छोड़ने का दबाव बन गया था मगर वह इस्तीफा नहीं दे रहे थे। उन्होंने लगातार इस्तीफे से इनकार किया मगर राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पारित होने के बाद उनके पास पद छोड़ने के अलावा कोई चार नहीं बचा था। वाई अश्विन पर आरोप है कि वह अधिकारियों को धमकी देता था कि यदि उन्होंने पैसे नहीं दिए तो उनके खिलाफ लोकायुक्त का छापा डलवा देगा।

इस मामले में विशेष जांच दल ने न सिर्फ भास्कर राव को अभियोजन के गवाहों की सूची में डाल रखा है बल्कि उनके कई घंटे तक पूछताछ भी की है। यही नहीं उनके आधिकारिक आवास और कार्यालय का बतौर क्राइम सीन मुआयना भी किया। भास्कर राव कर्नाटक हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। उनकी नियुक्ति के समय भी विवाद खड़ा हुआ था और तब भूमि घोटाले के आरोप भी लगे थे। दिलचस्प तथ्य यह है कि राव से पहले कर्नाटक के लोकायुक्त रहे न्यायमूर्ति शिवराज पाटिल को भी भ्रष्टाचार के आरोप में मात्र तीन महीने के अंदर पद छोड़ना पड़ा था।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad