जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होते दिखाई दे रहे हैं। शुक्रवार को जम्मू से धारा 144 हटाने और कश्मीर में जुम्मे की नमाज के लिए स्थानीय मस्जिदों में ढील देने के एक दिन बाद शनिवार को जम्मू में सभी स्कूल खुल गए। ईद के त्यौहार से पहले जम्मू के लोगों को यह बड़ी राहत मिली है। प्रशासन ने बताया कि कठुआ, सांबा और उधमपुर जिलों में स्थिति कुल मिलाकर सामान्य रही और वहां ज्यादातर शैक्षणिक संस्थान शुक्रवार को फिर से खुले। हालांकि पुंछ, राजौरी और रामबन जिलों में पाबंदियां लागू रहेंगी।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने संबंधी सरकार के फैसले से पहले ही यहां धारा 144 लगा दी गई थी। इस धारा के लागू होने पर किसी भी जगह पर 4 से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते थे। एहतियात के तौर पर प्रशासन ने यह फैसला किया था। जम्मू की जिलाधिकारी सुषमा चौहान ने इसके संबंध में आदेश जारी करके कहा था कि 9 अगस्त से नगर निगम क्षेत्र से धारा 144 हटा ली गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) मुनीर खान ने कहा कि जम्मू में स्थिति सामान्य है जबकि कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में है।
धारा 144 हटते ही जम्मू में जनजीवन सामान्य
उधमपुर में पांच दिनों के बाद शुक्रवार को खुले स्कूल
उधमपुर में धारा 144 अभी लागू है, लेकिन शुक्रवार को वहां स्कूल खुल गए। हालांकि कॉलेज अभी बंद रहेंगे। डिप्टी कमिश्नर पीयूष सिंगला ने बताया कि उधमपुर में 4 अगस्त को धारा 144 लगाई गई थी। यहां स्थिति नियंत्रण में है। शुक्रवार को यहां बाजार भी सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक खुले। स्थिति को देखते हुए प्रशासन धीरे-धीरे धारा 144 को हटाएगा।
कश्मीर में नमाज पढ़ने के लिए ढील
कश्मीर में शुक्रवार को लोगों को स्थानीय मस्जिद में नमाज पढ़ने की अनुमति देने के लिए प्रतिबंधों में ढील दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि घाटी में किसी भी विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए हाई अलर्ट अब भी जारी है। अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवाल के निर्देश के बाद अधिकारियों ने प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया है। डोवाल ने कहा था कि कश्मीरियों को किसी भी तरह से परेशान न किया जाए। हालांकि जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने और विभाजित किए जाने के खिलाफ संभावित विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षा बलों को पूरी कश्मीर घाटी में हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर
श्रीनगर के सिविल लाइंस और डल झील क्षेत्र में लोगों को आने-जाने की अनुमति देने के लिए गत दिवस प्रतिबंधों में छूट दी गई थी। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए एहतियात के तौर पर प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को नमाज के समय लोगों को जुटने और बड़े पैमाने पर प्रदर्शन होने की आशंकाओं को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। संवेदनशील और प्रदर्शन की आशंका वाले क्षेत्रों में ये प्रतिबंध खासतौर पर कड़ाई से लागू किए जा रहे हैं।
सिर्फ तीन न्यूज चैनल ही देख पा रहे हैं लोग
सुरक्षा बलों ने पूरी घाटी खासकर श्रीनगर और अन्य प्रमुख शहरों में प्रत्येक 100 मीटर पर बैरीकेडिंग की है। लोगों को सिर्फ चिकित्सकीय आपात स्थिति में निकलने की अनुमति दी जा रही है। टेलीफोन और इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। केबल टीवी नेटवर्क के जरिये दूरदर्शन सहित सिर्फ तीन न्यूज चैनल दिखाए जा रहे हैं।
डूबने से एक की मौत, छिटपुट पथराव
अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर में हालात कमोबेश सामान्य हैं। हालांकि युवकों के छोटे समूहों द्वारा कुछ स्थानों पर पथराव किए जाने की घटनाएं हुई हैं। ये छिटपुट घटनाएं मेहताब बाग, नातीपुरा, रामबाग, पारजुल्ला, नूरबाग और बेमिना में हुई हैं। नूरबाग क्षेत्र में प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा पीछा किए जाने पर एक व्यक्ति के डूबकर मरने की खबर मिली है। गुरुवार को ढील के दौरान पथराव की कुछ घटनाएं हुईं। लेकिन भीड़ कम थी और सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ दिया।