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केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

आम आदमी पार्टी की किसान रैली में आत्महत्या करने वाले गजेंद्र सिंह की मौत पर पहली बार दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी चुप्‍पी तोड़ी है। एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्‍यू में केजरीवाल ने कहा, उस समय रैली जारी रखना मेरी गलती थी और मैं सबसे माफी मांगता हूं। इस मामले की पुलिस और मजिस्ट्रेट जांच चल रही है और जो भी इसका दोषी हो, उसे चाहे फांसी पर लटका दो। लेकिन बहस इसी पर केंद्रित होनी चाहिए कि किसान खुदकुशी क्‍यों कर रहे हैं।
केजरीवाल की माफी, रैली जारी रखना गलती

केजरीवाल ने कहा कि अगर किसी की संवेदना को ठेस पहुंची है, तो वह माफी मांगते हैं। पुलिस ने जब गजेंद्र को पेड़ से उतारा, तो उन्‍हें लगा था वह जिंदा है। स्टेज से पेड़ के अंदर की हलचल दिखाई नहीं दे रही थी। केजरीवाल ने माना कि रैली जारी रखना उनकी गलती थी। लेकिन उन्‍हें किसान की खुदकुशी का पता नहीं था। इस मामले में केजरीवाल ने मीडिया पर भी निशाना साधा है। केजरीवाल के मुताबिक, मीडिया अपनी टीआरपी के लिए इस घटना के चीथड़े उडा़ना बंद करे। इससे किसानों की असल समस्‍याओं से ध्‍यान हट रहा है। 

राजस्‍थान के किसान गजेंद्र की मौत पर चौतरफा आलोचना झेल रहे दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री के सुर आज कुछ बदले नजर आए। दिल्‍ली पुलिस के प्रति थोड़ी नरमी दिखाते हुए उन्‍होंने कहा कि पुलिस को भी दोष नहीं दिया जा सकता क्योंकि उन्हें भी ऐसी घटना होने का अनुमान नहीं रहा होगा। केजरीवाल ने कहा कि गजेंद्र की मौत के लिए जो भी जिम्‍मेदार हो उसे चाहे फांसी चढ़ा दो, लेकिन किसानों की असली समस्‍याओं और मुश्किलों को नजरअंदाज मत करो। 

 

स्टेज से कुछ नहीं दिखा

केजरीवाल ने कहा उन्हें स्टेज से कुछ भी पता नहीं चल पा रहा था कि हो क्या रहा है। बस इतना दिख रहा था कि पेड़ पर कोई हलचल हो रही है। फिर कुछ कार्यकर्ताओं ने बताया कि कोई व्‍यक्ति खुदकुशी करने की कोशिश कर रहा है। मगर कुछ साफ नहीं हो पाया। कैमरे वालों को दिख रहा होगा, क्योंकि कैमरे में जूम होता है।

 

किसानों की बदहाली बड़ा मुद्दा 

केजरीवाल ने कहा कि किसानों के तीन अहम मुद्दों पर चर्चा होनी जरूरी है। तभी किसानों की खुदकुशी को रोका जा सकता है। यह सुनिश्चित होना चाहिए कि किसानों की मर्जी के बिना उनकी जमीन नहीं छीनी जाएं। फसल की लागत से 50% ज्यादा दाम मिलना चाहिए। आपदा से जिन किसानों की खेती बर्बाद हुई है उन्‍हें मुआवजे का अधिकार मिलना चाहिए। 

 

 

डीएम को जानकारी देने से दिल्ली पुलिस का इंकार

 

जिला मजिस्टेट की ओर से तय 11 बजे की समय सीमा बीत जाने के बावजूद दिल्ली पुलिस ने गजेंद्र की मौत से जुड़ी सूचनाएं डीएम के साथ साझा नहीं की हैं। पुलिस ने महत्वपूर्ण कानूनी पहलुओं का हवाला देते हुए डीएम के आग्रह को ठुकरा दिया। दिल्ली सरकार ने बुधवार को राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह की कथित आत्महत्या को लेकर डीएम से मजिस्टेट स्तर की जांच शुरू करने को कहा था। डीएम ने दिल्‍ली पुलिस को मामले से जुड़ी विस्तृत जानकारी पेश करने के लिए आज दिन में 11 बजे तक का समय तय किया था। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया कि पुलिस को सीआरपीसी कानून सहित दिल्ली पुलिस कानून के तहत मामले की जांच का अधिकार है।

 

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