निर्वाचन आयोग ने चुनाव आचार संहिता के चलते पूर्व में सरकार को योजना को लागू करने से रोक दिया था जिसके तहत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को इस महीने से 25 किलोग्राम चावल मुफ्त दिए जाने हैं। राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि आयोग ने हालांकि एक शर्त लगाई है कि लाभार्थियों की मौजूदा सूची में किसी भी नए व्यक्ति का नाम नहीं जोड़ा जाना चाहिए।
सरकार का प्रस्ताव गरीबी रेखा से नीचे और अंत्योदय अन्न योजना के तहत आने वाले परिवारों को भी राशन की दुकानों के जरिए मुफ्त चावल वितरित करने का था। सूत्रों ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने यह भी कहा कि मंत्रियों या विधायकों को चावल वितरण के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए। योजना को लागू करने पर रोक लगाए जाने के निर्वाचन आयोग के फैसले से नाराज राज्य सरकार ने पिछले महीने आयोग से योजना को लागू किए जाने की अनुमति देने की अपील की थी और कहा था कि मुफ्त चावल आपूर्ति करने का फैसला चुनावों की घोषणा से पहले किया गया था।
सरकार ने यह भी कहा था कि यदि निर्वाचन आयोग योजना के क्रियान्वयन की अनुमति नहीं देता है तो वह कानूनी विकल्प तलाशेगी। राज्य मंत्रिामंडल ने यह संकल्प किया था कि यदि अनुमति नहीं मिली तो अदालत से गुहार लगाई जाएगी, इसके कुछ घंटे बाद ही आयोग ने कल प्रतिबंध हटाने का फैसला किया।