जोशीमठ के समीप हाथीपहाड़ से मलवा गिरने के कारण आज ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया। मिली जानकारी के अनुसार, यात्रियों को जोशीमठ,पांडुकेश्वर और बदरीनाथ धाम में रोका जा रहा है। वहां करीब 15 से 20 हजार यात्रियाेेंं के फंसे होने का अनुमान है।
सड़क पर इतना मलबा जमा है कि उसे हटाने में दो दिन लग सकते हैं। चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी का कहना है कि सीमा सड़क संगठन को रास्ता खोलने के काम में जुटने के निर्देश दिए हैं। कल तक रास्तेे खुलने की उम्मीद है। फिलहाल रास्ता साफ कर यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में बच्चे और महिलाएंं हैं।
उत्तराखंड मेंं इन दिनाेेंं चारधाम यात्रा जोरों पर है, जो जून तक चलेगी। चमोली जिले में बीते कई दिनों से बारिश की वजह से यह भू-स्खलन हुआ। विष्णुप्रयाग के पास हाथीपहाड़ से चट्टान गिरने से बदरीनाथ राजमार्ग का करीब 50 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है। साल 2013 में आई उत्तराखंड आपदा के समय भी इस इलाके में काफी नुकसान हुआ था।
मददगार बना गुरुद्वारा
मिली जानकारी के अनुसार, रास्ते में फंसे बहुत से यात्रियों को जोशीमठ गुरुद्वारे में रोका गया है। जिला प्रशासन के अनुसार, सभी यात्री सुरक्षित स्थानों पर हैं। स्थानीय होटल संचालकों को एक दिन का किराया न लेने के निर्देश दिए गए हैं। रास्ते में फंसे सैकड़ों वाहनों को गोबिंद घाट, पांडुकेश्वर व बद्रीनाथ धाम में ही रोक दिया है। जोशीमठ व पीपलकोटी में भी यात्रियों को रोकने के आदेश जिला प्रशासन ने दिए हैं।
सभी यात्री सुरक्षित: उत्तराखंड सरकार
बदरीनाथ मार्ग पर यात्रियों के फंसे होने की खबर आने के बाद उत्तराखंड सरकार हरकत में आ गई है। राज्य सरकर के प्रवक्ता मदन कौशिक का कहना है कि चारधाम यात्रा पूरी तरह सुरक्षित है। किसी भी यात्री को कोई नुकसान नहीं हुआ है। 1400 यात्री गोविंदघाट गुरुद्वारे में और करीब 500 यात्री पांडुकेश्वर में सुरक्षित रुकवा दिए गए हैं। सरकार ने कल सुबह सभी यात्रियों को जोशीमठ लाने का इंतजाम कर लिया है। दोपहर तक सड़क मार्ग से भी यात्रा शुरू करने की तैयारी है।