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शहीद डीएसपी के कथित पत्र पर पुलिस बोली, कोई रिकॉर्ड नहीं; थानाध्यक्ष तिवारी का विकास दुबे से संबंध का है आरोप

कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर छापेमारी करने गई टीम का नेतृत्व करने वाले एक पुलिसकर्मी...
शहीद डीएसपी के कथित पत्र पर पुलिस बोली, कोई रिकॉर्ड नहीं; थानाध्यक्ष तिवारी का विकास दुबे से संबंध का है आरोप

कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के घर छापेमारी करने गई टीम का नेतृत्व करने वाले एक पुलिसकर्मी द्वारा लिखे गए एक पत्र में कथित तौर पर अब निलंबित चौबेपुर स्टेशन अधिकारी और कुख्यात अपराधी के बीच संबंध बताया जा रहा है। विकास दुबे को दबोचने गई टीम पर बीते दिनों अंधाधुंध फायरिंग की गई थी जिसमें एक डीएसपी समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। यदि यह सही पाया जाता है तो कथित पत्र को नुकसान पहुंचाने को कोशिश और सबूत को मिटाया जा सकता है। क्योंकि इससे इस बात के प्रमाण मिल सकते हैं कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की इसमें संलिप्ता थी।

छापेमारी करने गए शहीद उप पुलिस अधीक्षक देवेंद्र मिश्रा का कथित पत्र सोमवार को सोशल मीडिया पर सामने आया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि थानाधिकारी विनय तिवारी ने दुबे को गंभीर चार्ज होने के बावजूद भी छोड़ दिए। हालांकि, इस पत्र में कोई सीरियल नंबर या तारीख नहीं है। मंगलवार को पुलिस ने कहा है कि डीएसपी मिश्रा का कोई पत्र पुलिस के रिकॉर्ड में नहीं है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार प्रभु ने कहा कि उस पत्र का कोई रिकॉर्ड नहीं है जिसमें मिश्रा पर तिवारी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हों।

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एसएसपी ने कहा कि सीओ बिल्हौर और एसपी ग्रामीण के कार्यालयों में रिकॉर्ड की जांच की गई है लेकिन ऐसा कोई पत्र नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा कि पुलिस कार्यालय और एसएसपी कैंप कार्यालय सहित खुद के कार्यालय के गोपनीय अनुभाग में भी सभी रिकॉर्डों को जांचे किए हैं, लेकिन किसी भी पत्र की प्रविष्टि नहीं मिली। उन्होंने आगे कहा कि इस संबंध में विभाग के क्लर्कों से भी पूछताछ की गई लेकिन उन्होंने पत्र के संबंध में कोई जानकारी होने से इनकार किया है। हालांकि, एसएसपी ने दावा किया कि मामले की जांच चल रही है और आरोपों की जांच के प्रयास जारी हैं।

पुलिस को इस बात के संदेह है कि विनय तिवारी ने विकास दुबे को सूचित कर दिया होगा कि पुलिस उसे गिरफ्तार करने जा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कथित पत्र के मुताबिक डीएसपी मिश्रा ने लिखा था कि विकास दुबे पर एक मामले में दंगा, जबरन वसूली और आपराधिक धमकी देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। लेकिन, स्टेशन अधिकारी द्वारा इस तरह के कुख्यात अपराधी के प्रति सहानुभूति दिखाना और कोई कार्रवाई नहीं करना विनय तिवारी की ईमानदारी को सवालों के घेरे में लाता है। इस बात का भी पता चला है कि तिवारी अक्सर दुबे से मिलने जाता था। पत्र में इस बात का उल्लेख किया गया है कि यदि स्टेशन अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव नहीं करते हैं तो एक गंभीर घटना हो सकती है। इस बीच, पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पुलिस ने मंगलवार को बिकरू गांवों में घर की तलाशी शुरू की, जिसमें दुबे से जुड़े कई दस्तावेज जब्त किए गए हैं।

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