चौतरफा आलोचना के बाद पुद्दुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी ने खुले में शौचमुक्त होने वाले गांव के लोगों को ही मुफ्त में चावल देने के फरमान को वापस ले लिया है। बेदी ने सफाई दी कि उनके आदेश को गलत तरीके से लिया गया है। उनके आदेश के पीछे इरादा ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं के मूल कारण का समाधान करना था।
अपने इस आदेश को वापस लेने को लेकर किरण बेदी ने ट्विटर पर भी जानकारी दी। उन्होंने लिखा कि 'मेरे आदेश को लेकर पैदा हुई गलतफहमी को दूर करने और जून के अंत तक पुद्दुचेरी के गांवों को खुले में शौच से मुक्त करने के लक्ष्य को हासिल करने के सरकार के वादे के बाद मैं उन लोगों को कुछ और मोहलत देते हुए खुश हूं। इसलिए मैं अपने पहले के आदेश को वापस लेती हूं।
In view of misreading of my intent to improve d living conditions of rural poor & in view of assured commitment that rural areas will be Open defecation free by June 2018,
— Kiran Bedi (@thekiranbedi) April 28, 2018
I have clarified my earlier communications to put at rest any misgivings.Tom shall b my 156, weekend round.
किरण बेदी ने आदेश दिया था कि जो गांव खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) नहीं होंगे वहां के लोगों को मुफ्त चावल देना बंद कर दिया जाएगा। एलजी ने ट्वीट कर कहा था कि इस योजना को संबंधित क्षेत्र के विधायक और ग्रामसभा आयुक्त द्वारा खुले में शौच व कूड़ा फेंकने से मुक्त होने के प्रमाणपत्र से जोड़ दिया गया है। यह फैसला जून से लागू होगाष एलजी ने संबंधित अधिकारियों को चार हफ्ते का समय दिया था। उनके मुताबिक अधिकारियों को इस डेडलाइन तक सभी गांवों को ओडीएफ बनाना था और ऐसा न होने पर कार्रवाई करनी थी।