अवैध कालोनियों और स्लम में तोड़फोड़ से अब तीन साल के लिए निजात मिल गई है। लोकसभा में बुधवार नेशनल केपिटल टेरीटरी ऑफ देहली लॉ (स्पेशल प्रोविजन) बिल को 2020 तक तीन साल के लिए विस्तार की मंजूरी दे दी। इस बिल की मियाद इसी साल 31 दिसंबर को खत्म हो रही थी जिससे अवैध कालोनियों में तोड़फोड़ का खतरा बढ़ गया था।
विधेयक के पारित होने के बाद दिल्ली की अवैध कॉलोनियों, ग्रामीण आबादी एरिया, मौजूदा फॉर्म हाउसों और कृषि भूमि पर बने वेयर हाउसों, गोदामों, स्कूलों, डिस्पेंसरियों व धार्मिक एवं सांस्कृतिक संस्थाओं को 31 दिसम्बर 2020 तक तोडफ़ोड़ से राहत मिल जाएगी।
इससे पहले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने केंद्र सरकार के तोडफ़ोड़ पर अंकुश लगाने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी और । दिल्ली सरकार के शहरी विकास विभाग ने उपराज्यपाल की मंजूरी की फाइल को केंद्र सरकार के पास भेज दिया थी। मालूम हो कि अवैध कॉलोनियों को तोडफ़ोड़ से बचाने के लिए विधेयक को 2014 में तीन साल के लिए विस्तार की मंजूरी दी थी जिसकी 31 दिसम्बर 2017 को खत्म हो रही है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि अगर विधेयक पारित नहीं होता तो इससे दिल्ली के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता था। अब कालोनियां में यथास्थिति बनी रहेगी और 2020 तक किसी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नहीं होगी। उन्होंने दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सही नीति न लाए जाने के कारण ही इन कालोनियों के लोगों के सामने इस तरह के हालात पैदा हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी समिति की कार्रवाई से लोगों में भय बना था लेकिन अब विधेयक से उन्हें राहत मिल जाएगी।