भोपाल के प्यारे मियां के नाबालिक बच्चियों से यौन शोषण के मामले की पीड़िता ने बुधवार रात को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया है। दो दिन पहले बच्ची ने नींद की गोलियां खाई थीं। सोमवार देर रात उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था। परिजनों ने बालिका गृह की अधीक्षका पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है। बच्ची की मौत के बाद कलेक्टर ने बालिका गृह की अधीक्षिका को हटा दिया है और एसडीएम स्तर पर न्यायिक जांच के आदेश दे दिये है।
प्यारे मियां यौन शोषण मामले में पांच पीड़ित बच्चियां बालिका गृह में रह रही हैं। उनमें से एक नाबालिग को नींद की गोलियां खा लेने के कारण सोमवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में हमीदिया अस्पताल में भर्ती किया गया था। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। सूचना मिलते ही नाबालिग के परिजन भी अस्पताल पहुंच गए थे। उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे।
पूरे मामले में कमला नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को जांच शुरू कर दी थी। इसमें एक अन्य नाबालिग लड़की के बयान भी लिए गए। जिसके बाद उसकी भी तबीयत खराब हो गई। उसे जेपी अस्पताल ले जाया गया। यहां पर तीन घंटे भर्ती करने के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।
वहीं, बुधवार को अपर मजिस्ट्रेट भोपाल माया अवस्थी ने बालिका गृह में निवासरत एक बालिका के अचानक बीमार होने की घटना की मजिस्ट्रीयल जांच शुरू की। इसी कड़ी में नेहरु नगर स्थित बालिका गृह में जांच दल पहुंचा। कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच करने के लिए माया अवस्थी को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।