राज्य पुलिस के प्रवक्ता के अनुसार घटना में दोनों तरफ से 16 लोग घायल हो गए हैं। इस दौरान ईंट-पत्थर से घायल सुमित राजपूत की मृत्यु हो गई। घायलों को उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है। झगड़े में कई दलित परिवारों के घरों में आगजनी और तोड़तोड़ करने की खबर मिली है। दमकल गाडियों की मदद से आग बुझाई जा चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आस-पास के जिलों से पुलिस बुलाई गई है।
क्यों भड़की हिंसा?
राज्य पुलिस मुख्यालय प्रवक्ता के अनुसार, सुबह साढे दस बजे बड़गांव थाना क्षेत्र के सिमलाना गांव में महाराणा प्रताप की मूर्ति पर माल्यार्पण का कार्यक्रम आयोजित था। शब्बीरपुर गांव के बीस-पच्चीस लड़के बिना अनुमति के डीजे बजाते हुये सिमलाना जा रहे थे। इस दौरान शब्बीरपुर के ग्राम प्रधान और दलितों ने डीजे बजाने का विरोध करते हुए स्थानीय पुलिस को सूचना दे दी।
मौके पर थाना प्रभारी ने पहुंचकर डीजे बन्द कराया और कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे लड़कों को समझा बुझाकर वापस भेज दिया। बाद में ये लड़के सिमलाना से काफी संख्या में लोगों को लेकर शब्बीरपुर पहुंचे। दोनों पक्षों में पथराव हुआ। पुलिस की गाड़ी तोड दी गयी। कुछ अराजक तत्वों ने दलितों के घरों में आग लगा दी, जिससे पंद्रह-बीस घर जल गये। दलितों का कहना है कि पूरा विवाद बाबा साहेब की मूर्ति लगाने को लेकर है।
अंबेडकर जयंती पर भी हुआ था बवाल
कुछ दिन पहले ही अंबेडकर जयंती के मौके पर जिले में एक जुलूस के दौरान सांप्रदायिक संघर्ष हो गया था। इसमें दर्जन भर लोग घायल हो गये थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से एक प्रेस वार्ता में जब सहारनपुर हिंसा पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि राज्य में हर कोई बिना किसी भेदभाव के सुरक्षित होगा और राज्य सरकार की प्राथमिकता कानून का राज स्थापित करना है।