पर्यावरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग उद्योगों से यह सुनिश्चित करने को कहेगा कि वे अपनी इकाइयों के खतरनाक अपशिष्ट पदार्थों को निपटान से पूर्व ऐसे पदार्थों में तबदील करें जो खतरनाक नहीं हों।
उन्होंने कहा कि पर्यावरण विभाग राज्य में उद्योगों की महत्ता को समझाता है और वह बेहतर एवं प्रदूषण मुक्त औद्योगिकी व्यवस्था को प्रोत्साहित करने की सरकार की मेक इन महाराष्ट्र मुहिम में मदद करने के लिए उत्सुक है।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, हम जल्द ही महाराष्ट्र में उद्योगों के लिए ऑनलाइन निगरानी तंत्र शुरू करेंगे। इसके लिए जहरीला धुआं पैदा करने वाले उद्योगों की चिमनियों में प्रदूषण नियंत्रक लगाए जाएंगे।
यह यंत्र हर 15 मिनट में निकलने वाले धुएं पर नजर रखेगा और इसी अनुसार चार्ट तैयार करेगा। इसके बाद हमारा विभाग प्रति माह एक बार ये चार्ट देखेगा और यह जांच करेगा कि क्या उद्योग प्रदूषण मानकों का पालन कर रहे हैं या नहीं।
उन्होंने कहा, हम ऑनलाइन निगरानी प्रणाली के जरिए एकत्र सबूतों के आधार पर उद्योगों के लाइसेंस का नवीकरण करेंगे। हमारा मानना है कि उद्योगों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार का अवसर दिया जाना चाहिए लेकिन यदि वह हमारी सलाह पर ध्यान नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।